हिमाचल के 39.6 प्रतिशत लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या ग्रस्त , आईसीएमआर- इंडिया के अध्ययन में हुआ खुलासा 

हिमाचल प्रदेश के लोगों में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से ज्यादा है। वसायुक्त खानपान, कसरत नहीं करना, धूम्रपान जैसे कारणों से राज्य के 100 में से करीब 40 लोगों में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल है। हाइपर कोलेस्ट्रॉलेमिया हृदय रोग और ब्रेन स्ट्रोक का

हिमाचल के 39.6 प्रतिशत लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या ग्रस्त , आईसीएमआर- इंडिया के अध्ययन में हुआ खुलासा 

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   28-06-2023
 
हिमाचल प्रदेश के लोगों में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से ज्यादा है। वसायुक्त खानपान, कसरत नहीं करना, धूम्रपान जैसे कारणों से राज्य के 100 में से करीब 40 लोगों में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल है। हाइपर कोलेस्ट्रॉलेमिया हृदय रोग और ब्रेन स्ट्रोक का भी कारण बन रहा है। 
 
 
ज्यादा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धमनियों को भी अवरुद्ध कर रहा है। यह खुलासा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान आईसीएमआर-इंडिया के अध्ययन में हुआ है। हाइपर कोलेस्ट्रॉलेमिया वह स्थिति है, जब खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हिमाचल प्रदेश में 39.6 प्रतिशत लोगों में हाइपर कोलेस्ट्रॉलेमिया पाया गया है। 
 
 
यह पंजाब में 28.7 प्रतिशत लोगों में पाया गया है, जबकि हरियाणा में 28.1 प्रतिशत में मिला है। उत्तराखंड में यह 33.4 प्रतिशत लोगों में पाया गया है। यानी इस हिसाब से हिमाचल प्रदेश की स्थिति इन पड़ोसी राज्यों से अच्छी नहीं है। 
 
 
आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा ने कहा कि हाइपर कोलेस्ट्रॉलेमिया का मुख्य कारण खानपान का ठीक न होना, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप का होना या मधुमेह का होना रहता है। 
 
 
डॉ. मोक्टा ने कहा कि अगर खानपान सही हो। रोजाना ठीक से कसरत हो तो ऐसी स्थिति में इससे दूर रहा जा सकता है। घी और अन्य वसायुक्त खानपान से भी हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया हो रहा है।