हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में नई शिक्षा नीति पर मुहर, कसौली में एसडीएम कार्यालय को मंजूरी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-08-2020
प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों को इक्कसवीं सदी के लिए तैयार किया जा सके जहां समीक्षात्मक सोच देश का भविष्य निर्धारित करेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता की। प्रदेश मंत्रिमण्डल ने नई शिक्षा नीति लाने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसमें रोजगार चाहने वालों के स्थान पर रोजगार प्रदाताओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है और यह नीति विद्यार्थियों को रटने की आदत से समीक्षात्मक सोच की ओर अग्रसर करेगी।
इस नीति में नए पाठ्यक्रम ढांचे की अवधारणा भी की गई हैं ताकि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक और गणितीय सोच के अतिरिक्त शिक्षा पर सार्वजनिक निवेश 4.43 प्रतिशत से बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत किया जा सके। प्रदेश में इस नीति के क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमण्डल ने शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया।
जिसमें 27 सदस्य होंगे और सर्वशिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक इसके सदस्य सचिव होंगे। मंत्रिमण्डल ने वर्ष 2021-22 से वर्तमान में प्रचलित योजना और गैर योजना के वर्गीकरण को समाप्त करने का निर्णय लिया। इसे अब पूंजीगत एवं राजस्व खर्च में वर्गीकृत किया जाएगा।
अनुसूचित जाति उप-योजना, जनजातीय क्षेत्र उप-योजना, पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना तथा क्षेत्रीय और विकेन्द्रिकृत योजना कार्यक्रमों को अब क्रमशः अनुसूचित जाति विकास योजना, जनजातीय क्षेत्र विकास योजना, आकांशी खण्ड विकास योजना और क्षेत्रीय एवं विकेन्द्रिकृत विकास कार्यक्रम के रूप में पुनर्नामित किया जाएगा।
अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम, जनजातीय क्षेत्र कार्यक्रम, आकांक्षी खण्ड विकास कार्यक्रम और क्षेत्रीय एवं विकेन्द्रिकृत विकास कार्यक्रमों के लिए कार्यान्वयन प्रबन्ध पूवर्तः रहेंगे, जो वर्तमान में अनुसूचित जाति उप-योजना, जनजातीय क्षेत्र उप-योजना, पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना और अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए प्रचलित हैं।
अनुसूचित जाति विकास योजना, जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम, आकांक्षी खण्ड विकास कार्यक्रम और क्षेत्रीय एवं विकेन्द्रिकृत विकास कार्यक्रमों के लिए डिमाण्ड संख्या 31,32 और 15 के अन्तर्गत बजट का आवंटन किया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया है कि आगामी वित्तीय वर्ष के बजट आबंटन जनजातीय क्षेत्र विकास परियोजना के अन्तर्गत नौ प्रतिशत के अनुपात और वर्तमान वार्षिक योजना के हिस्से के विभिन्न विकासात्मक शीर्षो के अन्तर्गत अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 25.19 प्रतिशत रहेगा।
बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे और प्राथमिकता घरों के लाभार्थियों के चयन के लिए एकमुश्त छूट देने का निर्णय लिया गया जिसके लिए ग्राम पंचायतों को अतिरिक्त गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों और प्राथमिकता घरों को ग्राम सभा की बैठक आयोजित किए बिना तथा अपील दायर करने के लिए 15 दिनों के स्थान पर सात दिनों का समय देने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया कि ग्राम पंचायतें और स्थानीय शहरी निकाय एक महीने के स्थान पर 15 दिनों की अवधि में चयन प्रक्रिया पूरा करेगे। प्रदेश में ग्रामीण आर्थिकी पर आधारित उद्यमियों के लिए सामान्य, जनजातीय और पिछड़े वर्ग के व्यक्यिों का कौशल विकास और उन्नयन किया जाएगा ताकि वो स्थानीय व्यवसायों में प्रशिक्षण लेकर स्वयं को लाभप्रद रोजगार से जोड़ सकें।
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में राज्य ग्रामीण अभियांत्रिकी आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने राज्य में स्वरोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी और स्थानीय उद्यमों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से प्रेरित करने के लिए मुख्यमन्त्री स्वावलम्बन योजना 2019 को और आकर्षक और लाभप्रद बनाने के लिए इसमें संशोधन को मंजूरी प्रदान की।
इससे प्रदेश के 18 से 45 वर्ष के लाखों युवा लाभान्वित होंगे। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले नए उद्योगों तथा वर्तमान में कार्यरत उद्योगों के विस्तार के लिए 31 दिसम्बर, 2022 तक विद्युत शुल्क और विद्युत दरों में छूट प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश औद्योगिक नीति-2019 में विद्युत शुल्क में रियायत की धारा-15 तथा विद्युत दरों में रियायत की धारा-16 में सनसेट उप-धारा जोड़ने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमण्डल ने सोलन जिला के कसौली क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित करने के लिए उप-मण्डलीय कार्यालय (नागरिक) खोलने की सहमति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर रखने और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री युवा निर्माण योजना 2019 का प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की।
इस योजना के अन्तर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों में दो बहु-उद्देशीय स्टेडियम निर्मित किए जाएंगे जिसमें प्रत्येक स्टेडियम के निर्माण पर 15 लाख रूपये व्यय किए जाएंगे। बैठक में ऊना शहर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए नगर परिषद ऊना को एक कूड़ा काॅम्पेक्टर, एक डम्पर स्थापित वाली गाड़ी और एक कूड़ा एकत्रित करने वाली गाड़ी खरीदने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को विभिन्न देय राशियों के भुगतान के लिए पावर फाईनांस काॅर्पोरेशन से सामान्य नियमों और शर्तों पर 455 करोड़ रूपये का ऋण लेने को स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश नगर एवं शहर नियोजन नियमों, 2014 में संशोधन करने का निर्णय लिया जिसके अन्तर्गत सैटबैक के 50 प्रतिशत हिस्से पर स्काई पार्किंग खोलने की अनुमति दी जाएगी।
जिससे भवन मालिकों को सैटबैक के आगे 50 प्रतिशत हिस्से पर स्काई पार्किंग के लिए अस्थाई स्टील फ्रेम ढांचा अथवा रैंप निर्मित करने की अनुमति मिलेगी। बैठक में शिमला जिला के टुटू में खण्ड विकास अधिकारी का कार्यालय खोलने की अनुमति प्रदान की गई जिसके लिए मशोबरा और बसन्तपुर खण्डों का पुनर्गठन किया जाएगा और कार्यालय के संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 10 पद सृजित किए जाएंगे।
मंत्रिमण्डल ने 1 सितंबर, 2019 से 27 दिसम्बर, 2019 तक 3.72 रुपये प्रति यूनिट की दर पर हिमाचल प्रदेश के विद्युत प्रवाह की अवधि को नियमित करने के लिए त्रिपक्षीय लघु अवधि पीपीए को मंजूरी दी। हिमाचल प्रदेश सरकार टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के माध्यम से नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन और रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन से 233.5 मेगावाट की बिजली की पात्रता का हिस्सा 0.0235 रुपये प्रति यूनिट के मार्जिन पर देगी।
मंत्रिमण्डल ने किन्नौर और लाहौल-स्पिति जिलों को छोड़कर प्रदेश के बाकी 10 जिलों के जिला अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट का एक-एक पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त जेल एवं सुधार प्रशासन विभाग ने जुनियर टैक्निशियन (वीविंग मास्टर) के तीन पद अनुबन्ध आधार पर भरने को सहमति प्रदान की गई।
बैठक में आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग में अनुबन्ध आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 18 पदों को भरने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने आबकारी एवं कराधान विभाग में दैनिकभोगी आधार पर चालकों के पांच पद भरने को भी अपनी मंजूरी दी।