हिमाचल में दो सप्ताह में 17 गुणा बढ़ी ऑक्सीजन की खपत, प्रतिदिन तीन से चार मीट्रिक टन की डिमांड
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-05-2021
प्रदेश में कोविड मरीजों के बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की मांग दो सप्ताह के दौरान 17 गुणा तक बढ़ गई है। दो सप्ताह पूर्व करीब एक मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कोविड मरीजों को आवश्यकता पड़ रही थी। अब प्रदेश के कोविड अस्पतालों में 17 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरुरत हो गई है।
प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या 17 हजार तक पहुंच गई है। ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदेश में किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए 57 मीट्रिक टन आक्सीजन का भंडारण सिलेंडरों में कर लिया है।
प्रदेश में ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता को और बढ़ाया जा रहा है जिससे लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। वीरवार को प्रदेश में 11 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी और शुक्रवार को ये मांग बढ़कर 17 मीट्रिक टन हो गई।
प्रदेश के कोविड अस्पतालों में दाखिल मरीजों की संख्या 1256 है और 281 कोविड केयर अस्पतालों में दाखिल हैं। कोविड मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन प्रदान की जा रही है। जिसके कारण ऑक्सीजन की खपत प्रदेश में बढ़ गई है।
देश में ऑक्सीजन को भंडारण करने के लिए डी-टाइप के 4127 सिलेंडर उपलब्ध हैं। इन डी-टाइप के एक सिलेंडर में 7 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन आती है। जबकि 1229 मीट्रिक टन बी-टाइप के ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। बी-टाइप के एक सिलेंडर में 1.5 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन आती है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर लेने के लिए कहा गया है, जिससे ऑक्सीजन का भंडारण किया जा सके और किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटा जा सके।
प्रदेश में कृत्रिम ऑक्सीजन की कहाँ है सबसे ज्यादा खपत
- चंबा में 7 मीट्रिक टन
- टांडा मेडिकल कॉलेज में 5 मीट्रिक टन
- आईजीएमसी शिमला में 4 मीट्रिक टन
- नाहन मेडिकल कॉलेज में एक मीट्रिक टन