हिमाचल में लाल धान की खेती से किसानों की आर्थिकी में होगा व्यापक सुधार
यंगवार्ता न्यूज़ - पालमपुर 04-08-2021
लाल धान के गुणों को देखते हुए खासकर महानगरों में लोग रेड राइस के प्रयोग को बढ़ावा देने लगे हैं। बढ़े शहरों में लाल चावल की मांग बढ़ रही है, ऐसे में प्रदेश में लाल धान की खेती किसानों की आर्थिकी में व्यापक सुधार ला सकती है।
प्रदेश कृषि विवि किसानों को लाल धान उगाने को लेकर प्रेरित कर रहा है। वहीं गत दिनों के दौरान रेड राइस को जीआई टैग दिलवाने के प्रयास भी शुरू किए गए हैं। युवा किसानों को लाल धान की ‘करड़’ किस्म के बारे में जानने और उसको संरक्षित करने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कृषि विवि के कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने किसानों से विशेष फसलें उगाने का आह्वान किया है, जिससे उनकी आय में इजाफा हो और इस क्षेत्र में उनकी पहचान बन सके।
कृषि विवि के मलां स्थित धान एवं गेहूं अनुसंधान केंद्र में चंबा जिला के किसानों के लिए आयोजि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कुलपति ने लाल धान को लेकर जानकारी साझा की।
उन्होंने चंबा के युवा कृषकों को लाल धान की करड किस्म के महत्त्व को समझाते हुए चंबा की परंपरागत फसल प्रजातियों को संरक्षित करने व इसकी खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया।
कुलपति ने कहा कि महानगर मेंं लोग लाल चावल के महत्त्व को समझ चुके हैं, इसलिए इसकी मांग बढ़ रही है। भटियात के उपमंडलाधिकारी बच्चन सिंह व जिला पर्यटन विकास अधिकारी कांगड़ा सुनयना शर्मा ने किसानों को सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं व एग्रोटूरिज्म की विस्तार से जानकारी दी और पर्यटन को जोड़ कर कार्य करने का आग्रह किया।
कृषि उपनिदेशक चंबा डा. कुलदीप धीमान व कृषि उपनिदेशक पालमपुर डा. जीत सिंह ठाकुर ने भी किसानों को लाल धान संबंधी जानकारी दी। (एचडीएम)
वैज्ञानिकों के अनुसार लाल चावल में पोषक तत्त्व, लोहा, जस्ता, एंटीआक्सीडेंट तथा विटामिन पाए जाते हैं।
यह धान रक्तचाप, बुखार, श्वेत प्रदर व गर्भावस्था से संबंधित रोगों में लडऩे में सहायक माना जाता है। यही कारण है कि प्रदेश कृषि विवि ने लाल धान के जीआई टैग के लिए भी आवेदन किया है।