हिमाचल में सेब की तर्ज पर मशीनों से होगा लहसुन की फसल की ग्रेडिंग का कार्य 

लहसुन की फसल की ग्रेडिंग का कार्य इस बार हाथों से नहीं, बल्कि सेब की तर्ज पर मशीनों से होगा। ग्रेडिंग के अनुसार ही लहसुन के दाम मिलेंगे। इसे लेकर मंडी समिति ने पूरी तैयारी कर ली

हिमाचल में सेब की तर्ज पर मशीनों से होगा लहसुन की फसल की ग्रेडिंग का कार्य 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    23-04-2023

लहसुन की फसल की ग्रेडिंग का कार्य इस बार हाथों से नहीं, बल्कि सेब की तर्ज पर मशीनों से होगा। ग्रेडिंग के अनुसार ही लहसुन के दाम मिलेंगे। इसे लेकर मंडी समिति ने पूरी तैयारी कर ली है। सिरमौर के राजगढ़ में 35 लाख रुपये से ग्रेडिंग मशीन स्थापित कर दी है। ग्रेडिंग में ट्रिपल ए को सुपर लहसुन का नाम दिया गया है। 

इससे नीचे की ग्रेडिंग में ए वन यानी डबल ए, फिर मीडियम और गोली सबसे निचले स्तर का लहसुन है। फसल तैयार हो चुकी है। खेतों से निकालने का कार्य भी जल्द शुरू होगा। ग्रेडिंग के बाद फसल सोलन सब्जी मंडी लाई जाएगी। अगले 15 से 20 दिन में फसल की खरीद शुरू हो जाएगी। 

वर्तमान में लहसुन 70 रुपये तक मंडी में बिक रहा है। पिछले वर्ष 100 रुपये प्रति किलो तक बिका था। किसान लहसुन के दाम बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।
सोलन, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, शिमला में भी लहसुन का उत्पादन होता है, लेकिन सबसे ज्यादा सिरमौरके राजगढ़ क्षेत्र में होता है। इस बार सिरमौर जिले में 60,000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य है। सोलन में पिछले वर्ष 500, जबकि इस बार 580 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसुन की रोपाई की गई है। 

सोलन सब्जी मंडी में सिर्फ सोलन, सिरमौर और कई बार जिला मंडी से भी लहसुन की खेप यहां पहुंचती है। उच्च गुणवत्ता के चलते हिमाचली लहसुन की मांग बाहरी राज्यों समेत विदेश में भी रहती है। उधर, मंडी समिति सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि लहसुन की ग्रेडिंग करना जरूरी होता है। ऐसे में यहां पर भी ग्रेडिंग यूनिट लगना समय की मांग है।

सब्जी मंडी सोलन में वर्ष 2020-22 में 32 हजार क्विंटल लहसुन से 24 करोड़ का कारोबार किया है। इस बार अच्छी और अधिक पैदावार से यह कारोबार दो गुना अधिक होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष सब्जी मंडी में लहसुन ग्रेड के हिसाब से 50 से 110 रुपये किलो तक भी बिका है।

देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले सिरमौर के हाईब्रीड लहसुन की दक्षिणी भारत सबसे बड़ी मंडी है, जहां तमिलनाडु के बडूगा पट्टी व कोच्ची के अलावा कर्नाटक व आंध्र प्रदेश जैसी बड़ी मंडियों में भारी मांग है। वहीं नेपाल और थाइलैंड को भी प्रदेश का लहसुन निर्यात होता आया है। 

कृषि विभाग के उपनिदेशक डाॅ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अगले माह लहसुन मंडियों में पहुंचना शुरू होगा। इस बार ओपन मार्केट में इसके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। सिरमौर जिले के किसानों का रुझान लहसुन उत्पादन की तरफ बढ़ रहा है। 

पिछले छह साल में 2,307 हेक्टेयर भूमि में लहसुन उत्पादन का दायरा बढ़ा है। साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ रहा है। वर्तमान में 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र पर 60,650 मीट्रिक टन उत्पादन पहुंच चुका है। वर्ष 2016 की बात करें तो जिले में 1,693 हेक्टेयर भूमि पर 26,580 मीट्रिक टन लहसुन की पैदावार होती थी।