हिमाचल सरकार की बदइंतजामी व जनता विरोधी रवैये पर सीटू ने जताई कड़ी चिंता
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-04-2021
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने कोरोना महामारी के दौरान मजदूरों व आम जनता से जानवरों से भी बदतर सलूक किये जाने पर गहरी आपत्ति दर्ज़ की है व कोरोना पीड़ित मजदूरों को उचित सुविधाएं देने की मांग की है।
राज्य कमेटी ने चम्बा के पांगी क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्रों में कोरोना पीड़ित मजदूरों के इलाज में की जा रही लापरवाही पर नियोक्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों पर आपराधिक मुकद्दमे दर्ज करने की मांग की है। राज्य कमेटी ने कोरोना पीड़ित मजदूरों की आइसोलेशन के लिए उचित प्रबंध करने की मांग की है।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने हिमाचल सरकार की बदइंतजामी व जनता विरोधी रवैये पर कड़ी चिंता जाहिर की है। कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश सरकार का मजदूर विरोधी रवैया खुलकर सामने आ गया है।
यह बेहद संवेदनहीन बात है कि चम्बा जिला के पांगी क्षेत्र में बस अड्डा निर्माण के कार्य में लगे पांच मजदूर कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं जिनका उचित इलाज करने व इन्हें उचित आइसोलेशन की सुविधा देने के बजाए इन पांच मजदूरों को पांगी के सार्वजनिक शौचालय में आइसोलेट किया गया है।
इससे न केवल कोरोना पीड़ित मजदूरों को कई तरह के अन्य संक्रमणों का शिकार होना पड़ेगा बल्कि इस से जनता में संक्रमण फैलने का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाएगा।
कोरोना पीड़ित मजदूरों को सार्वजनिक शौचालय में आइसोलेट करने से प्रदेश सरकार का मजदूर विरोधी नज़रिया साफ नजर आता है।
इस तरह का सलूक जानवरों से भी बदतर है। यह इकलौता उदाहरण नहीं है। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में भी साप्ताहिक अवकाश के बाद काम पर लौटने वाले मजदूरों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की आड़ में तीन दिन तक बिना वेतन के कार्य से वंचित रखा जा रहा है।
एक तरफ कोरोना पीड़ित मजदूरों को शौचालयों में रखा जा रहा है वहीं दूसरी ओर उन्हें कोरोना की आड़ में आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ित किया जा रहा है। यह असहनीय है व इस पर रोक लगनी चाहिए।
मजदूरों के साथ ऐसा बर्ताव करने पर प्रदेश सरकार को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए व दोषी अधिकारियों व नियोक्ताओं के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।