हिमाचल सरकार लाएगी स्क्रैप पॉलिसी, इंडस्ट्री एरिया में कबाड़ के बिजनेस को लगेंगे पंख
हिमाचल में चलने वाले करोड़ों रुपए के स्क्रैप कारोबार को कांग्रेस सरकार जल्दी ही स्क्रैप पॉलिसी से जोड़ेगी। हिमाचल सरकार ने यह कदम अन-ऑर्गेनाइज तरीके से चल रहे कबाड़ के कारोबार को ऑर्गेनाइज करने के मकसद से उठाया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 20-02-2023
हिमाचल में चलने वाले करोड़ों रुपए के स्क्रैप कारोबार को कांग्रेस सरकार जल्दी ही स्क्रैप पॉलिसी से जोड़ेगी। हिमाचल सरकार ने यह कदम अन-ऑर्गेनाइज तरीके से चल रहे कबाड़ के कारोबार को ऑर्गेनाइज करने के मकसद से उठाया है।
सरकार की कोशिश औद्योगिक क्षेत्रों में अव्यवस्थित ढंग से चल रहे औद्योगिक कबाड़ के कारोबार को पटरी पर लाना है। प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, पावंटा साहिब, कालाअंब, परवाणू और ऊना के उद्योगों से सालाना करोड़ों रुपए का स्क्रैप निकलता है।
इसका ठेका लेने के लिए स्थानीय नेताओं और लोगों के अलावा बाहरी राज्यों के स्क्रैप ठेकेदारों में जमकर खींचतान होती है। इसका खामियाजा कारोबारियों को उठाना पड़ता है। सत्तापक्ष व विपक्ष के लोगों में भी इस काम के लिए टकराव आम बात है।
प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बाहरी राज्यों के स्क्रैप डीलर अपने प्रभाव से हर महीने करोड़ों रुपए का कारोबार करते है। यहां लोहा, गत्ता, ड्रम सहित अन्य सामान रोजाना टनों के हिसाब से रोजाना निकलता है। हालांकि अभी तक इसका किसी सरकारी विभाग के पास पूरा ब्योरा नहीं है कि आखिर उद्योगों से कितना स्क्रैप निकलता है और कितने स्क्रैप डीलर इसे उठा रहे है।
असल में कबाड़ के इस कारोबार से स्क्रैप डीलर करोड़ों कूट रहे है, लेकिन सरकार को राजस्व के नाम पर कुछ नहीं पहुंच रहा। उद्योग मंत्री के इस ऐलान के बाद औद्योगिक क्षेत्रों में स्क्रैप के इस अव्यवस्थित कारोबार के व्यवस्थित होने व निगरानी बढ़ने की उम्मीद जरूर जगी है।