प्रदेश का खाली खजाना भरने को नए टैक्स लगा सकती है सरकार, अधिकारीयों संग सीएम का मंथन 

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को आगामी बजट को लेकर सभी सरकारी महकमों की मीटिंग ली। हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में देर सांय संपन्न मीटिंग में जनता से मिले सुझावों और विभिन्न विभागों की बजट डिमांड पर चर्चा की गई

प्रदेश का खाली खजाना भरने को नए टैक्स लगा सकती है सरकार, अधिकारीयों संग सीएम का मंथन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      20-02-2023

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को आगामी बजट को लेकर सभी सरकारी महकमों की मीटिंग ली। हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में देर सांय संपन्न मीटिंग में जनता से मिले सुझावों और विभिन्न विभागों की बजट डिमांड पर चर्चा की गई। गौर हो कि हिमाचल सरकार का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू होने जा रहा है। सीएम सुक्खू इसमें पहली बार प्रदेश का बजट पेश करेंगे। 

इससे पहले मुख्यमंत्री बजट को लोक लुभावन बनाने, जनता से किए गए वादे पूरा करने और खाली खजाना भरने की कसरत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्टेट एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को इनकम सोर्स बढ़ाने के निर्देश दे रखे है। सूत्रों की मानें तो आज की मीटिंग में इन तीनों विभागों से इनकम बढ़ाने के सुझाव मांगे गए। 

बताया जा रहा है कि आगामी वित्त वर्ष के बजट भाषण में गाड़ियों की रजिस्ट्री महंगी कर सरकार आमदनी बढ़ा सकती है। इसी तरह उद्योग विभाग की माइनिंग इत्यादि भी महंगी का जा सकती है। स्टेट का खाली खजाना भरने के लिए सरकार डीजल के अलावा पेट्रोल पर भी टैक्स बढ़ा सकती है। ऐसा कर आमदनी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री सुक्खू, प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार सख्त फैसले लेने का संकेत दे चुके हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता से 15 फरवरी तक सुझाव मांग रखे थे। सूत्रों के अनुसार 45 से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन और कुछ लोगों ने वित्त विभाग को पत्र लिखकर बजट संबंधी सुझाव दिए हैं। ज्यादातर लोगों ने जनता पर टैक्स का बोझ लादने की बजाय सरकारी खर्चों में कटौती के सुझाव दिए हैं। 

खासकर मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट के खर्च कम करने को बोला गया है, क्योंकि पूर्व सरकार के कार्यकाल में सीनियर नौकरशाह ऐसे रहे हैं, जिनके पास 2 से 3 गाड़ियां हैं और इतने ही ड्राइवर और दूसरी सुविधाएं हैं। जनता ने महंगी व लग्जरी गाड़ियां कम करने का भी सुझाव दिया है, क्योंकि राज्य पर पहले ही लगभग 75 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है। 

हिमाचल की अपनी आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया है। इससे कर्ज और भी तेजी से बढ़ेगा। इन पर भी आज चर्चा की गई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न मीटिंग में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना समेत ज्यादातर विभागों के विभागीय सचिव उपस्थित रहे।