अदरक की बंपर फसल पर भारी पड़ा लॉकडाउन, नहीं मिल रहे वाजिव दाम 

अदरक की बंपर फसल पर भारी पड़ा लॉकडाउन, नहीं मिल रहे वाजिव दाम 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 02-12-2020
 
असम और बंगलूरू में लॉकडाउन के दौरान हुई अदरक की बंपर फसल से इस बार हिमाचली अदरक का निर्यात बांग्लादेश को नहीं हुआ, जिससे हिमाचली अदरक के दाम 75 फीसदी गिर गए। इससे प्रदेश के सबसे बड़े अदरक उत्पादक सिरमौर जिले के किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। बांग्लादेश ने अदरक की जरूरत असम से पूरी कर ली है, जबकि बिगड़ते संबंधों के चलते पाकिस्तान को पहले से ही अदरक निर्यात नहीं किया जा रहा। 

हिमाचल का अदरक इन दिनों 2500 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। पिछले वर्ष यह कीमत लगभग छह हजार रुपये प्रति क्विंटल थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अदरक के दाम 75 फीसदी तक गिरे हैं। हिमाचल में सिरमौर और सोलन में बड़े पैमाने पर अदरक उत्पादन होता है। इस बार कम दाम मिलने से किसान अपने बीज के पैसे भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सिरमौर के पच्छाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अदरक तैयार होता है।
 
इस बार लॉकडाउन के कारण अधिकतर परिवारों के सदस्य घर पर थे और लोगों ने ज्यादा अदरक उगाया, लेकिन दाम गिरने से किसानों पर आर्थिक संकट आ गया है। किसान राजेंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, रमेश कुमार, सुरजन सिंह, भीम सिंह, सुरेंद्र कुमार, अनिल शर्मा व सुरेश कुमार ने बताया कि इस बार कीमत सही नहीं मिलने से खर्चा भी पूरा नहीं हुआ। आढ़ती हीरा लाल शर्मा, हरि नारायण, जगदीश शर्मा ने बताया कि इस साल हिमाचल के अलावा असम और बंगलूरू में अदरक की बंपर पैदावार हुई है। उस पर पाकिस्तान और बंगलादेश को अदरक निर्यात नहीं हुआ। इससे दाम गिरे हैं। आढ़ती राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि असम में लॉकडाउन के दौरान इस बार ज्यादा उत्पादन हुआ है।
 
बांग्लादेश के लिए अब असम का ही अदरक काफी हो गया है, इसलिए वहां सप्लाई बंद है, जबकि पाकिस्तान से लगातार बिगड़ते संबंधों के चलते आयात-निर्यात पहले से ही बंद है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2406 हेक्टेयर भूमि में अदरक लगाया जाता है, जिसमें लगभग 26872 मीट्रिक टन अदरक का उत्पादन होता है। इसमें जिला सिरमौर में 1434 हेक्टेयर भूमि में अदरक लगाया जाता है और 18440 मीट्रिक टन उत्पादन होता है।