अधिकारियों के गले की फांस बनी कांग्रेस सरकार की तीसरी गारंटी , महिलाओं को 1500 प्रतिमाह देने को चाहिए 4000 करोड़
कांग्रेस सरकार की तीसरी गारंटी के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1500-1500 रुपये देने का जुगाड़ करने में अफसरों के पसीने छूटने लगे हैं। राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से लेकर सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के कार्यालय में इस बाबत बैठकों का दौर चला
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-02-2023
कांग्रेस सरकार की तीसरी गारंटी के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1500-1500 रुपये देने का जुगाड़ करने में अफसरों के पसीने छूटने लगे हैं। राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से लेकर सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के कार्यालय में इस बाबत बैठकों का दौर चला। मुख्यमंत्री नारी सम्मान योजना को लेकर चार फरवरी को फिर कैबिनेट उप समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला लिया गया है।
बीते सप्ताह हुई कमेटी की पहली बैठक में करीब 14 लाख महिलाओं को योजना के लिए पात्र माना गया है। प्रदेश में 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने के लिए मुख्यमंत्री नारी सम्मान योजना बनाई गई है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पहली ही कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी। पहली कैबिनेट बैठक में इस बाबत कैबिनेट उप समिति का गठन किया गया।
उप समिति से एक माह में रिपोर्ट मांगी गई है। बीते 27 जनवरी को मंत्री धनीराम शांडिल की अध्यक्षता वाली उप समिति की पहली बैठक में 1500 रुपये मासिक देने के लिए 14,19,492 लाख महिलाएं पात्र मानी गई थीं।इस राशि को देने पर सुक्खू सरकार पर सालाना करीब 4000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है। अब दूसरी बैठक से पहले विभागीय अधिकारी नियम व शर्तें तय करने और बजट का जुगाड़ करने को लेकर मंथन कर रहे हैं। इस बाबत मुख्य सचिव और सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने खूब माथापच्ची की।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक एक साथ 14 लाख महिलाओं को मासिक 1500-1500 रुपये देना आसान नहीं है। इस योजना के चरणों में लागू करने की सिफारिश करने का प्रस्ताव है। इसके तहत पहले 18 से 25 वर्ष की आयु की महिलाओं, बीपीएल परिवारों की महिलाओं को राशि दी जा सकती है।
एक परिवार से एक ही महिला को सम्मान राशि देने का विचार भी है। हालांकि इस बाबत फैसला वित्त महकमे के अधिकारियों के साथ चार फरवरी को होने वाली बैठक में होगा। योजना का प्रस्ताव बनाकर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी को भेजा जाएगा। मंत्रिमंडल से योजना को अंतिम मंजूरी मिलेगी।