अपनी जान हथेली पर रखकर तार झूले से नदी पार कर रहे सीऊं के ग्रामीण
यंगवार्ता न्यूज़ - संगड़ाह 31-07-2021
आजादी के दशकों बाद भी विधानसभा क्षेत्र श्री रेणुका जी का गांव सीऊ आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर हैं। यहां गांव को जोड़ने वाला मार्ग बरसात में ठप्प हो जाता हैं।
जिसके बाद लोग आज भी जान हथेली पर रखकर तार झूले से नदी पार करने को मजबूर हैं। वहीं तार झूले पर भी प्रशासन ने कोई ऑपरेटर तैनात नही किया हैं। जिससे खतरा अधिक बढ़ा हैं।
करीब 26 किलोमीटर लंबे रेणुकाजी बांध के डूब क्षेत्र के अंतर्गत गाँव सीऊ आता हैं। गांव सींऊ के ग्रामीण रज्जू मार्ग तार के झूले पर ओपरेटर नियुक्त न होने से जान हथेली पर रखकर नदियां पार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि गिरी व पालर नदी के बीच बसे इस गांव के लोगों के लिए बरसात में यातायात का प्रमुख साधन दोनों नदियों पर बने पारम्परिक रज्जू मार्ग अथवा तार झूला है। वर्ष 2019 मे तार तार झले की मुरम्मत पर 2 लाख 80 हजार का बजट खर्च हो चुका है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना हैं कि भारी बरसात व उफ़नती नदी से तार झूले से वह नदी पार करते हैं। यहाँ इसके ऑपरेटर की भी कोई व्यवस्था नही की गई है ।
लोग अपनी नगदी फसलें भी झूले के माध्यम से मंडियों तक पहुंचा रहे है। उन्होंने मांग की हैं कि जल्द यहां एक ऑपरेटर तैनात किया जाए।
गौरतलब है कि रेणुकाजी डेम के डूब क्षेत्र में आने वाले इस गांव की भूमि अधिग्रहण करने के लिए सरकार द्वारा करीब 100 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
नियमानुसार यहां पुल बनाने जैसा कोई भी कार्य नहीं हो सकता। डेम निर्माण के लिए बजट उपलब्ध न होने के चलते अभी इस गांव का विस्थापन होना शेष है।