अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेट,गेट पर देंगे धरना : नाथूराम
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब की बिगड़ती व्यवस्था को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व एंटी करप्शन एन्ड क्राइम कण्ट्रोल के स्टेट चीफ नाथूराम चौहान ने प्रशासन ने 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब 08-10-2021
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब की बिगड़ती व्यवस्था को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व एंटी करप्शन एन्ड क्राइम कण्ट्रोल के स्टेट चीफ नाथूराम चौहान ने प्रशासन ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है।
बीते रोज लगभग 20 घंटे बाद पोस्टमार्टम को लेकर उन्होंने अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के मामले में उन्होंने जांच की मांग की है।
नाथूराम चौहान ने पत्रकार वार्ता दौरान कहा कि बीते रोज एक युवा की दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसे परिजन पोस्टमार्टम के लिए पांवटा अस्पताल लाए थे।
लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के कार्यक्रम को लेकर सभी डॉक्टर्स,स्टाफ इतने व्यस्त दिखे कि लगभग 20 घंटे तक लाश ऐसे ही पड़ी रही। उन्होंने कहा कि एक और परिजन दर्जनों ग्रामीणों के साथ पोस्टमार्टम करवाने के लिए भटक रहे थे।
वहीं मृतक युवक का परिवार व गांव अंतिम क्रिया करने का इंतज़ार करते रहे। उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही शर्मसार कर देने वाला है। जिससे मानवीय संवेदनाएं आहत हुई हैं, नाथू राम ने पांवटा साहिब में विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल की इतनी दुर्दशा है कि गर्भवती महिलाएं सीढ़ियों पर बैठी होती हैं, उन्हें बैठने तक की सुविधा नहीं हैं।
नाथूराम चौहान ने पांवटा साहिब अस्पताल प्रशासन को चेताया है कि आगामी 24 घंटे के अंदर यदि प्रशासन ने इस लापरवाही पर जांच नहीं बिठाई तो वह अस्पताल गेट के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे।
पत्रकार वार्ता दौरान उपस्थित गिरिपार के ठोंठा जाखल से इंदर सिंह ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 18 सितंबर 2019 को उसकी बेटी छत से गिर गई थी,
जिसके उपरांत उन्होंने 108 एंबुलेंस की सुविधा हेतू मदद मांगी। लेकिन एंबुलेंस उपस्थित होने बाद भी काफी समय तक सुविधा नहीं मिल पाई।
बाद में पत्रकारों के संज्ञान में मामला आते ही 108 एंबुलेंस सुविधा मिल सकी। जिस कारण बिटिया को इलाज के लिए अस्पताल लाया जा सका।
यहां डॉक्टर ने बताया कि यदि वह समय रहते बिटिया को ला पाते तो ऑपरेशन भी नहीं होना था, लेकिन फिर भी मीडिया के माध्यम से समय रहते उपचार को पहुंचने से उनकी बेटी की जान बच गई।