विधवा महिला का आरोप , कंपनी द्वारा उनकी जमीन पर हजारों मीट्रिक टन मलबा डंप किया जा रहा
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब
नेशनल हाईवे 707 का निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा ग्रामीणों की जमीन पर अवैध रूप से डंपिंग साइट बनाई गई है। ग्रामीणों के मना करने पर भी निर्माणाधीन कंपनी द्वारा उनकी जमीन पर हजारों मीट्रिक टन मलबा डंप किया जा रहा है।
कंपनी की मनमानी से तंग आकर , शासन और प्रशासन से हार थक कर आखिरकार शिलाई के नाया की एक विधवा महिला अपनी बेटी के साथ आज मीडिया के समक्ष पहुंची।
मीडिया को रुंधे स्वर में नाया की विधवा सुमित्रा देवी ने बताया कि नेशनल हाईवे 707 पर शिलाई से करीब 5 किलोमीटर पहले नाया खाले में उनकी जमीन है लेकिन नेशनल हाईवे का निर्माण करने वाली एचईएस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बिना उनकी परमिशन से उनकी करीब 6 बीघा भूमि पर अवैध रूप से मलबा डंप किया जा रहा है।
विधवा सुमित्रा देवी और उसकी बेटी सुमन ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर कई बार जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से भी गुहार लगाई है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई , हार थक कर वह अब मीडिया से ही न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
सुमित्रा देवी और सुमन ने बताया कि यदि स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा निर्माणाधीन कंपनी की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया और उनकी भूमि पर इसी तरह अवैध रूप से मलबा डंप किया गया तो उन्हें मजबूरन संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
सुमित्रा देवी और उनकी बेटी सुमन ने कहा कि यदि प्रशासन ने कोई हल नहीं निकाला तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या करने को विवश होना पड़ेगा। सुमित्रा देवी का कहना है कि उनके पास करीब 6 बीघा जमीन नेशनल हाईवे के साथ है , लेकिन निर्माणाधीन कंपनी द्वारा जहां उनकी जमीन पर अवैध रूप से मरवा डाला जा रहा है , वही उनकी जमीन पर जो पानी का प्राकृतिक स्रोत है वह भी मलबे की जद में आ गया है जिसके चलते प्राकृतिक स्रोत बंद हो रहा है।
सुमित्रा देवी और उनकी बेटी सुमन ने कहा कि कंपनी द्वारा और सरकार द्वारा उन्हें ना तो कोई मुआवजा दिया गया है और ना ही उनकी भूमि पर डंपिंग साइट के लिए उन्हें पूछा गया है। निर्माणाधीन कंपनी द्वारा अवैध रूप से हजारों मीट्रिक टन मालवा उनकी भूमि पर डाला गया है।
उनका कहना है कि उनकी जमीन पर हो रही अवैध डंपिंग से वह सहमत नहीं है, न ही कोई नोटिस कम्पनी के द्वारा परिवार को आया है। मीडिया के सामने बेटी सुमन का कहना है कि डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम से भी वह मिल चुके हैं, जिन्होंने एसडीएम विवेक महाजन से भेंट करने को कहा बावजूद एसडीएम ने भी अब साफ हाथ खड़े कर दिए हैं।
सुमन का कहना है उनका परिवार दूध बेचता है और उससे ही भाई बहनों की पढ़ाई व घर का खर्चा चलता है। उनका कहना है कि उन्हें यह कहकर टाल दिया गया है कि उनके पिता ने दस साल पहले इस जमीन को दिया है, जब उनसे इस बाबत सबूत मांगा जा रहा है तो वह सबूत देने को भी तैयार नही हैं और तो ओर रात को भी अवैध डंपिंग की जा रही है, जिससे परिवार परेशान है।
विधवा सुमित्रा देवी का कहना है कि वह जमीन की मालकिन वह है लेकिन उनसे पूछा तक नहीं गया। उनकी अब मांग है कि इस अवैध रूप से होने वाली डंपिंग को पूरी तरह से रोका जाए।
यदि ऐसा नही होता है तो फिर वह सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के निवास स्थान दिल्ली में जा कर आत्महत्या कर लेंगे।
इनको मुआवजा देंगे तो फिर ये लोग कहाँ करेंगे इनके पास यही जमीन है। इसलिए ये लोग मुआवजा भी नहीं ले रहे हैं।