एक मुश्त नहीं एक-एक माह की ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे निजी स्कूल

एक मुश्त नहीं एक-एक माह की ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे निजी स्कूल

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-05-2020

देश सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों को एक सप्ताह के भीतर दूसरी बड़ी राहत दे दी है। गत शनिवार को कैबिनेट बैठक में कोरोना संकट के चलते मार्च से बंद चल रहे निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने का फैसला लिया गया था।

अब बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने गाइडलाइन जारी कर अभिभावकों को तीन माह की जगह एक-एक माह की ट्यूशन फीस ही देने का दूसरा बड़ा फैसला लेकर एक और बड़ी राहत दे दी है।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अभिभावकों पर मार्च से मई तक की ट्यूशन फीस का बोझ एक साथ ना पड़े। इसके लिए एक-एक माह की फीस लेने को कहा गया है। शीतकालीन स्कूलों में मार्च और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में अप्रैल से यह फीस देय है।

स्कूल बंद रहने तक सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को लेकर सरकार द्वारा लिया गया फैसला मान्य रहेगा। उन्होंने बताया कि गाइड लाइन में स्पष्ट किया गया है कि ट्यूशन फीस में अन्य कोई भी फंड निजी स्कूल शामिल नहीं कर सकेंगे। साल 2019 में तय ट्यूशन फीस ही लेनी होगी।

उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड सहित सीबीएसई, आईसीएसई वाले निजी स्कूलों को इन आदेशों का पालन करना होगा। इसके अलावा निजी स्कूलों को अपने स्टाफ को पूरा वेतन देने और छंटनी नहीं करने के भी आदेश जारी किए गए हैं।

लॉकडाउन के दौरान अपने स्टाफ को निजी स्कूलों को ट्रस्ट या सोसायटी के माध्यम से वेतन देने का इंतजाम करने को कहा गया है। निदेशक ने बताया कि आदेशों की अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर एपेडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

लॉकडाउन की अवधि के दौरान निजी स्कूल ट्यूशन फीस में अन्य किसी भी फंड को शामिल नहीं कर सकेंगे। मेंटेेनेस फंड, स्पोटर्स फंड, कंप्यूटर फीस, को-करिकुलर फीस, ट्रांसपोर्ट फीस सहित अन्य किसी भी फंड को इस दौरान नहीं लिया जा सकेगा। आदेशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।