एक शिक्षक के सहारे हिमाचल के दो हजार से अधिक स्कूल , एक कमरे में चल रहे सूबे के 722 विद्यालय : सुरजीत ठाकुर

एक शिक्षक के सहारे हिमाचल के दो हजार से अधिक स्कूल , एक कमरे में चल रहे सूबे के 722 विद्यालय : सुरजीत ठाकुर

एक शिक्षक के सहारे हिमाचल के दो हजार से अधिक स्कूल , एक कमरे में चल रहे सूबे के 722 विद्यालय : सुरजीत ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  23-06-2022
 
हिमाचल में चुनावी वर्ष में आम आदमी पार्टी शिक्षा को मुद्दा बनाकर लगातार शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर जयराम सरकार को घेरने में जुटी है। पार्टी के नेता स्कूलों में जाकर अव्यवस्थाओं का वीडियो बनाकर वायरल कर रहे हैं और हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई दिखाने की कवायद जुटे हैं। 
 
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने वीरवार को पत्रकार वार्ता कर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सुरजीत ठाकुर ने कहा कि पार्टी की ओर से सेल्फी विद स्कूल प्रोग्राम चलाया है। इस मुहिम के जरिए सैकड़ों वीडियो स्कूल से आए हैं। जिसमें प्रदेश के स्कूलों की हालत देखने को मिल रही है। सुरजीत ठाकुर ने सीएम के क्षेत्र सिराज के स्कूल का वीडियो दिखाया।
 
 उसके बाद मंत्री महेंद्र सिंह के क्षेत्र मंडी के स्कूल का वीडियो दिखाया। सुरेश भारद्वाज, सरवीन चौधरी, रामलाल मारकंडा समेत कई मंत्रियों के क्षेत्र के स्कूलों की बदहाल स्थिति के वीडियो दिखाकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि प्रदेश में 722 स्कूल ऐसे हैं जो एक कमरे चल रहे हैं। दो हजार से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जिनमें सिर्फ एक शिक्षक है। 
 
सुरजीत ठाकुर ने कहा कि आम आदमी पार्टी शिक्षा मुद्दा बना रही है। इस बार का चुनाव शिक्षा के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। उन्होंने भाजपा के साथ कांग्रेस को भी घेरा और कहा कि दोनों ही पार्टियां शिक्षा के स्तर पर कुछ नहीं कर पाई हैं। उन्होंने कहा जब सात साल में दिल्ली के स्कूल सही हो सकते हैं तो हिमाचल में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। इनकी नीयत साफ नहीं है। 
 
उन्होंने कहा स्कूलों में चपरासी खाना बना रहे। वहीं, शहर में शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगे पोस्टर से उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया है और कहा कि आम आदमी पार्टी शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है और अब लोग जागरूक भी हो गए हैं और लोग ही इस तरह के पोस्टर लगा कर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं।