कॉलेजों में फर्स्ट ईयर से ही शुरू होगा एजूकेशन विषय , पुराने बीएड डिग्री धारकों को 2030 के बाद नौकरी नहीं

कॉलेजों में फर्स्ट ईयर से ही शुरू होगा एजूकेशन विषय , पुराने बीएड डिग्री धारकों को 2030 के बाद नौकरी नहीं

यंगवार्ता न्यूज - शिमला 23-09-2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बीएड को चार साल का कर दिया है। पुराने डिग्री धारकों को वर्ष 2030 के बाद शिक्षक की नौकरी नहीं मिलेगी। नई नीति में स्पष्ट किया गया है कि चार वर्ष की बीएड करने वालों को ही नौकरी के लिए पात्र माना जाएगा।

इसके लिए जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों में फर्स्ट ईयर से ही एजूकेशन विषय को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। तीन साल तक कॉलेज और एक वर्ष की बाद में एजूकेशन विषय की पढ़ाई करने वालों को ही बीएड की डिग्री मिलेगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इस प्रावधान को लागू करने के लिए जल्द ही प्रदेश में बीएड और डीएलएड का पाठ्यक्रम भी बदला जाएगा। टेट पास करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। अभी जेबीटी, टीजीटी और शास्त्री के पदों के लिए ही टेट अनिवार्य है। आने वाले समय में स्कूल प्रवक्ता के लिए भी टेट पास करना जरूरी हो जाएगा।

शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मिड डे मील को तीन वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए भी शुरू किया जाएगा। प्री प्राइमरी शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी वर्करों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरी, पांचवीं, आठवीं कक्षा की परीक्षाएं ली जाएंगी। हालांकि इन कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी।

इससे पहले आठवीं कक्षा तक परीक्षाएं नहीं करवाई जाती थी। दसवीं और जमा दो कक्षा की बोर्ड परीक्षा होंगी। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंकों में सुधार लाने के लिए दूसरी बार परीक्षा देने का मौका भी मिलेगा। प्रदेश में अब शिक्षा विभाग के तहत आरएंडपी नियमों से बाहर किसी भी तरह से भर्तियां नहीं की जाएंगी। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला हुआ है।

शिक्षा विभाग को इसकी सूचना मिल गई है। अब विभाग में किसी भी तरह से बिना आरएंडपी नियमों के बाहर भर्ती नहीं की जाएगी। शिक्षा विभाग में टीजीटी, एलटी और शास्त्री के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने टीजीटी, भाषा अध्यापकों और शास्त्री के पद भरने के लिए बैचवाइज भर्ती के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए कई जिलों से शेड्यूल भी जारी हो गए हैं।