मानकों पर खरी नहीं उतर रही हिमाचल में बनी दवाएं , छह दवाइयों के सैंपल फैल
यंगवार्ता न्यूज़ - बीबीएन 10-06-2020
हिमाचल के दवा उद्योगों में बनने वाली दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। एशिया की 45 फीसदी दवा निर्यात करने में तमगा हासिल करने वाले हिमाचल प्रदेश के उद्योगों की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के जारी होने वाले ड्रग अलर्ट में फेल हो रही हैं।
सीडीएससीओ के मई माह के ड्रग अलर्ट में देशभर की फेल हुई 25 दवाओं में से हिमाचल के फार्मा उद्योगों की 6 दवाएं पैमाने पर खरा नहीं उतरी है। इनमें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की 4, परवाणु और सिरमौर की एक-एक उद्योग की दवा इसमें शामिल है।
सीडीएससीओ द्वारा मई माह में देशभर से 477 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें से 452 दवाएं मानकों पर खरा उतरीं और 25 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाईं गईं, जिसमें हिमाचल की 6 दवाएं शामिल है।
फेल होने वाली दवाओं में मेडिपोल फार्मास्यूटिकल भुड्ड बददी की अलप्राजोलम, मोरपैन लैबोरेट्रीज सेक्टर-2 परवाणु की रि-जर्मीना, बे-बेरी फार्मास्यूटिकल हिमुडा इंडस्ट्रियल एरिया भटौलीकलां की एटोरफस्र्ट-10, यूनिटल फार्मूशन ईपीआईपी फेस-1 झाड़माजरी बददी की डेक्सामैथासोन इंजेक्शन, एसबीएस बायोटेक मौजा रामपुरा जटटां नाहन रोड़ कालाअंब सिरमौर की लेवेटाईरोसीटाम, नूतन फार्मास्यूटिकल टिपरा बरोटीवाला की सेफपोडॉक्सीम दवा शामिल है।
इन दवाओं के सैंपल सीडीएससीओ ईस्ट जोन कोलकता, सीडीएससीओ हैदराबाद, सीडीएससीओ वेस्ट जोन मुंबई, सीडीएससीओ सब जोन बददी, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट त्रिपुरा से लिए गए है, जबकि इनकी जांच सीडीएल कोलकता, सीडीटीएल मुंबई, आरडीटीएल चंडीगढ़, आरडीटीएल गुवाहटी में की गई है।
यह दवाएं जीएबीए की क्रिया को बढ़ाकर नींद को सामान्य करने, संक्रामक व जीवाणुनाशक संबंधित दस्त, लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने, एलर्जिक विकार व श्वास रोग, मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की असामान्य व अत्यधिक गतिविधियों को नियंत्रित करके दौरे व मिर्गियों को नियंत्रित करने, जीवाण्विक संक्रमण के कम अवधि वाले उपचार आदि में प्रयोग में लाई जाती है।
सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए है, वहीं फेल हुए सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।