केसर की खुशबू से सराबोर संगड़ाह वादियां , राजेश ने केसर की खेती कर युवाओं दिया संदेश
यंगवार्ता न्यूज़ - श्रीरेणुकाजी 21-05-2020
आज जहाँ युवा पीढ़ी नौकरी के लिए दिन रात भटक रही है वही कुछ लोग ऐसे भी है जो इन युवाओं के लिए मिसाल बन रहे है। ऐसा ही एक युवा है राजेश कुमार जिसने संगड़ाह के साथ लगते अपने खेत में केसर की खेती में कामयाबी हासिल की।
हाल ही में लाखों में बिकने वाली इस नकदी फसल की पहली खेप तैयार होने से वह काफी उत्साहित है। राजेश को इस बार एक किलो के करीब केसर उत्पादन की उम्मीद है। पहले तुड़ान में निकाली उक्त फूलों की पंखुड़ियों को सुखाया जा चुका है, जबकि अभी फ्लावरिंग जारी है।
राजेश ने बताया कि, गत सितंबर माह में उन्होंने 9,000 रूपए में सौ ग्राम अमेरिकन केसर बीज लेकर उक्त फसल लगाई थी तथा इसके अलावा नवंबर में देरी से कुछ कश्मीरी केसर भी लगाया था। अमरीकी केसर की अच्छी पैदावार हुई है, जबकि कश्मीरी केसर के बिजाई में देरी के कारण अभी तैयार हो सकी है।
प्रगतिशील किसान के अनुसार केसर की खेती में क्षेत्र की प्रमुख नकदी फसल अदरक, टमाटर व लहसुन से भी कम मेहनत की जरूरत है तथा कम भूमि पर अधिक उत्पादन की गारंटी है।
संगड़ाह-टिकरी मार्ग पर मात्र आधा बीघा जमीन से उन्हें इस बार बीज को लगाकर दो लाख तक आमदनी की उम्मीद है। लंबे समय तक स्टोर की जा सकने वाली इस फसल का वजन कम होने से इसकी मार्किटिंग आसान है।
केसर की कीमत गुणवत्ता के हिसाब से डेढ़ से तीन लाख रूपये प्रति किलोग्राम तक बताई जा रही है।
बीए करने के बाद उक्त युवक ने खुद को बेरोजगार कहने की बजाय पुरखों की तरह खेती को अपना धंधा बनाया। उनके पास कुछ सेब के पौधे भी है। राजेश की इस कोशिश से क्षेत्र के अन्य बेरोजगार युवा भी उत्साहित है तथा उनसे केसर की खेती को लेकर संपर्क कर चुके हैं।