तीन दिनी खुशवंत सिंह लिट्फेस्ट संपन्न,देश-विदेश के लेखकों ने पर्यावरण और देश के गंभीर विषयों पर की चर्चा

कसौली में 14 से 16 अक्टूबर तक 11 वां  खुशवंत सिंह (केएस) लिट् फेस्ट का आयोजन किया गया। केएस लिट् फेस्ट का आयोजन  पहले की भांति 1880 में बने कसौली क्लब के प्रांगण में आयोजित किया गया

तीन दिनी खुशवंत सिंह लिट्फेस्ट संपन्न,देश-विदेश के लेखकों ने पर्यावरण और देश के गंभीर विषयों पर की चर्चा

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन       16-10-2022
  
कसौली में 14 से 16 अक्टूबर तक 11 वां  खुशवंत सिंह (केएस) लिट् फेस्ट का आयोजन किया गया। केएस लिट् फेस्ट का आयोजन  पहले की भांति 1880 में बने कसौली क्लब के प्रांगण में आयोजित किया गया। 14 अक्टूबर को खुशवंत सिंह के सुपुत्र एवं लेखक राहुल सिंह ने लिट्फेस्ट में सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही इस आयोजन की अहमियत पर प्रकाश डाला। 

लेखक बाची काकरिया, टीवी कॉमेडियन सायसर ब्रोचा, गायक 2 ब्लू व वंदना सक्सेना ने कहा कि विचारधारा, प्रेम विवाह, विवाह नेतृत्व, आय, विश्वास, शिक्षा पर केंद्रित रहा। विचारों का खुलापन ही  एक समृद्ध समाज का दपर्ण होता है।

अरविंदों के जीवन, अध्यात्म व कार्यों पर भी सत्र हुआ। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक तथा योग, साहित्य, धर्म संस्कृति के ज्ञाता को समाज द्वारा उचित स्थान न देने पर चिंता व्यक्त करते हुए सर अरविंदों अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के प्राचार्य देवदीप गांगुली ने उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।
 
देश की विख्यात नृत्यांगना एवं अभिनेत्री मल्लिका साराभाई जो शास्त्रीय संगीत, नृत्य की महान कलाकार मिरनाली साराभाई की बेटी है। उनकी पुस्तक इन फेस फॉल पर चर्चा सत्र हुआ। गौरतलब  है कि मल्लिका साराभाई के पिता देश के महान अणु वैज्ञानिक विक्रम साराभाई थे। चर्चा का आरंभ करते हुए मल्लिका साराभाई ने अपने आरंभिक जीवन, मां-बाप के साथ बेटी के संबंध, खानपान, जीवन शैली तथा उस वक्त बालिकाओं की आजादी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

इस पुस्तक में मल्लिका के जीवन के अनछुए पहलुओं को सच्चाई से उकेरा गया है। वहीं उनकी विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्विज्ञान, आयुर्वेद, भारती समाज में विश्वास जैसे विषयों पर खुलकर बात की गई है। साराभाई ने अपनी बीमाी, जिसमें उन्हें ट्यूमर हो गया था से लड़ाई तथा विश्वास की जीत है। यह पुस्तक एक बालिका का शिखर पर पहुंचने की कहानी है।
 
टीएमसी के सांसद महुआ मोइत्रा ने महात्मा गांधी के पोते एवं लेखक व इतिहासकार राजमोहन गांधी की पुस्तक इंडिया अफटर-1947 पर चर्चा की। राजमोहन गांधी ने अपनी पुस्तक पर चर्चा को आरंभ करते हुए राम की उपयोगिता तथा उनकी हर व्यक्ति से निकटा पर विचार सांझा किए। 

उन्होंने अंत में कहा कि कि उनकी पुस्तक में गांधी इज सेफ, आज की परिस्थितियों में भी प्रासांगिक है। गांधी सदा अपने उसूलों के पक्के रहे और उनका जीवन इसी पर खड़ा है। हमारे बीच न होते हुए भी आज सुरक्षित हैं। उन्होंने बहुसंख्यकवाद पर भी चिंता व्यक्त की।  

आजादी के आरंभिक वर्षों में कार्य चुनौतीपूर्ण था।अब वक्त आ गया है कि हमारे पास अब अधिक न्यायसंगत और समरूप समाज हो। सांसद महुआ मोइत्रा ने बातचीत के दौरान भारतीय समाज के भेदभाव पर खेद व्यक्त किया। इसके अलावा फिल्म अभिनेता रजा मुराद, तुषार कपूर, अभिनेत्री दिव्या दत्ता,पॉप सिंगर ऊषा उत्थप, बांसुरी वादक हरि प्रसाद चौरसिया समेत अन्य लेखकों के सत्र भी चर्चित रहे।