पार्टी छोड़ने की बजाय पुराने नेताओं को साथ लेकर परिवारवाद से कांग्रेस को मुक्ति दिलाएं कैप्टन : शांता कुमार 

लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ और सशक्त विपक्ष का होना भी बहुत आवश्यक है। तभी देश आगे बढ़ सकता है। अगर मजबूत विपक्ष न हो तो विकास की कल्पना

पार्टी छोड़ने की बजाय पुराने नेताओं को साथ लेकर परिवारवाद से कांग्रेस को मुक्ति दिलाएं कैप्टन : शांता कुमार 

यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा   02-10-2021

 लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ और सशक्त विपक्ष का होना भी बहुत आवश्यक है। तभी देश आगे बढ़ सकता है। अगर मजबूत विपक्ष न हो तो विकास की कल्पना करना बेमानी है।

यह बात हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कही।  उन्होंने कहा कि भारत की सबसे पुरानी गांधी, पटेल और नेहरू की पार्टी भारत को आज़ादी दिलवाने वाली कांग्रेस पूरे देश में एक मज़ाक बन गई है।

हैरानी यह है कि उसे आत्महत्या भी शालीनता से नहीं करने आ रही है। उन्होंने कहा कांग्रेस देश में भाजपा के बाद एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है बाकी सभी एक प्रदेश या एक नेता परिवार की पार्टियां हैं। यदि कांग्रेस समाप्त हो जाए तो भारत का लोकतंत्र राष्ट्रीय विपक्ष विहीन हो जाएगा।

लोकतंत्र का रथ दो पहियों पर चलता है। एक सत्ताधारी पार्टी और दूसरा विपक्ष है। शांता कुमार ने कहा आज सौभाग्य से विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफल नेतृत्व कर रहे हैं। परंतु लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ और सशक्त विपक्ष का होना भी बहुत आवश्यक है।

अटल कहा करते थे हमें हमेशा पार्टियों की छोटी दीवारों में ही नहीं रहना चाहिए , इसलिए मैं यह बात राष्ट्र के मंदिर में खड़ा होकर कह रहा हूं। उन्होंने कहा कांग्रेस के महारोग का एक ही ईलाज है कि कांग्रेस गांधी परिवार की गुलामी से बाहर निकले। आज भी कांग्रेस में एक से एक बढ़ कर राष्ट्रीय नेता है।

कै. अमिन्द्र और थरूर तथा जी 23 के देशभक्त और अनुभवी नेता है। शांता कुमार ने कहा जिस पार्टी ने पूरे देश को आजाद करवाया। वह एक परिवार की गुलामी में घूुटघुंट कर मर रही है इतिहास आँसू बहाएगा। उन्होंने कैप्टन अमिंद्र से आग्रह किया है वे कांग्रेस न छोड़े।

गुलाम नवी आज़ाद , कपिल सिब्बल और थरूर जैसे नेताओं से मिलकर कांग्रेस पार्टी में आज़ादी की लड़ाई लड़ें और एक परिवार की गुलामी से बाहर निकले। गांधी परिवार के इलावा कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ इक्कठे बैठे। कांग्रेस के पुराने इतिहास को याद करें और फिर किसी एक नेता को अध्यक्ष बना कर आगे बढ़े।

उन्हें विश्वास है भारत को एक सशक्त और राष्ट्रीय विपक्ष मिल सकता है। यह देश की बहुत बड़ी सेवा होगी। उन्होंने कहा मैं हमेशा सबसे पहले एक भारतवासी के रूप में सोचता हूं। पार्टी कार्यकर्ता के रूप में ही नहीं।

कांग्रेस की वर्तमान स्थिति से मुझे कोई प्रसन्नता हीं होती चिंता होती है क्योंकि मेरे सामने सबसे पहले मेरा देश है।