ई-संजीवनी ऑनलाइन ओपीडी से घर बैठे करवाएं इलाज
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-05-2020
प्रदेश के मरीजों को अब घर बैठे ऑनलाइन ओपीडी उपलब्ध होगी। वहीं, ज्यादा संख्या में लोग इस ओपीडी का फायदा उठा पाएंगे।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने स्मार्टफोन पर भी ई-संजीवनी ओपीडी लोगों तक पहुंचाने का फैसला लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार की मदद से एक ऐप बनवाई जा रही है।
यह ऐप सभी स्मार्टफोन पर डाउनलोड हो सकेगी। इससे पहले लॉकडाउन के बीच जो ऑनलाइन ई-संजीवनी ओपीडी एनएचएम ने शुरू की है, उसे केवल लैपटॉप और कम्प्यूटर पर ही इस्तेमाल कर सकते है।
अभी तक एक हजार से ज्यादा लोगों ने ई-संजीवनी ऑनलाइन ओपीडी से आईजीएमसी व टांडा के सुपर स्पेशलिस्ट विशेषज्ञों से अपने स्वास्थ्य के प्रति सलाह ली है।
अब सभी के घरों में लैपटॉप व कम्प्यूटर नहीं है, यही वजह है कि एनएचएम ने स्मार्टफोन पर भी इस सुविधा का फायदा लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। दावा किया जा रहा है कि एक हफ्ते में यह ऐप बनकर तैयार हो जाएगी।
इस ई संजीवनी ओपीडी को मोबाइल पर डाउनलोड करने के बाद मरीज घर से ही डाक्टर को अपनी बीमारी का इलाज पूछ सकेंगे। कोरोना के इस संकट में अस्पताल आने की जरूरत नहीं है।
मरीजों को घर बैठे सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की सलाह और दवाइयां मिल सकेंगी। एक हफ्ते पहले एनएचएम द्वारा लांच की गई ऑनलाइन संजीवनी ओपीडी में अभी तक राज्य के 1203 मरीजों का ऑनलाइन इलाज हो पाया है।
बता दें कि एनएचएम ने लॉकडाउन के बीच दो ऑनलाइन ऐप तैयार की है। ई संजीवनी और ई संजीवनी ऑनलाइन ओपीडी।
इन दोनों ऑनलाइन ऐप में मरीजों को सलाह और साथ ही दवाइयां कौन-सी खानी है, इसके बारे में बताया जाता है। सुबह साढ़े नौ से चार बजे तक ई संजीवनी पोर्टल पर लोग अपने इलाज संबधित राय डाक्टरों से ले सकते है।
बता दें कि ई संजीवनी के तहत हर रोग के चिकित्सक विशेषज्ञ मरीजों को हफ्ते में दो दिन मिलेंगे। बताया जा रहा है कि एनएचएच के दोनों संजीवनी पोर्टल पर एक दिन में 200 से ज्यादा कॉल अब आने लगी है।
हालांकि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा ऑनलाइन डाक्टरी सलाह के इस पोर्टल का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। कारण यह कि अभी लोग इसे लैपटॉप और टैब पर ही इस्तेमाल कर सकते है।