प्रदेश में पंद्रह फीसदी आबादी पर ही बनेगा ओबीसी का महापौर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-03-2021
हिमाचल प्रदेश में नगर निगम के महापौर पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण तभी मिलेगा, जब संबंधित क्षेत्र में ओबीसी की 15 फीसदी आबादी होगी। अगर इससे कम आबादी होगी तो ओबीसी के लिए महापौर का पद आरक्षित नहीं किया जा सकेगा।
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार नगर निगमों के वार्ड में ओबीसी की आबादी अगर 5 फीसदी से अधिक है तो ही यह वार्ड संबंधित वर्ग के लिए आरक्षित किया जा सकेगा। वार्ड में ओबीसी की आबादी पांच फीसदी से कम होगी तो इस वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित नहीं किया जा सकेगा।
प्रदेश में पहली बार नगर निगम के महापौर पद पर ओबीसी को भी आरक्षण देने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा नगर निगम चुनाव में उप महापौर पद ओबीसी के लिए रिजर्व नहीं होगा।
वर्तमान में प्रदेश में कुल पांच नगर निगम हैं। शिमला नगर निगम को छोड़कर धर्मशाला, सोलन, मंडी और पालमपुर में चुनाव एकसाथ करवाए जाने हैं। इनमें तीन नगर निगमों सोलन, मंडी और पालमपुर में पहली बार चुनाव होने हैं। नगर निगम शिमला में वर्ष 2022 में चुनाव होंगे।
राज्य चुनाव अधिकारी संजीव महाजन ने कहा कि नगर निगम के महापौर पद के लिए ओबीसी को आरक्षण तभी दिया जा सकेगा, जब संबंधित क्षेत्र की आबादी 15 फीसदी से अधिक होगी। उप महापौर पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं होगा। ओबीसी के लिए वार्ड तभी आरक्षित होगा, जब वहां की आबादी पांच फीसदी से अधिक होगी।