विश्व विद्यालय पाेस्ट ग्रेजुएट छात्राें की ऑनलाइन करवाएंगा प्रैक्टिकल परीक्षाएं
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 02-07-2020
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी पहली बार पाेस्ट ग्रेजुएट के छात्राें की ऑनलाइन प्रैक्टिकल परीक्षाएं लेंगी। इस बार घर बैठे ही पीजी के स्टूडेंट परीक्षाएं देंगे। इसके लिए ईसी ने भी मंजूरी दे दी है।
हालांकि अभी यूजी की प्रैक्टिकल परीक्षाएं किस तरह हाेगी इस पर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है। एमफिल, एमटेक, एल एल एम,पीएचडी के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं और वाइवा वाॅयस परीक्षाएं कोविड-19 के चलते दिसंबर में ऑनलाइन हाेगी।
इसके बाद अगर वर्तमान स्थिति बनी रहती है तो भी दोनों तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन करवाने का फैसला प्रशासन की ओर से लिया गया है। इसी तरह यूआईआईटी, यूआईएलएस, एमसीए, एमए- प्रदर्शन कला (संगीत) और अन्य विभागाें में भी प्रैक्टिकल परीक्षाएं ऑनलाइन ही करवाई जाएगी।
प्रशासन की ओर से फैसला लिया गया है कि छात्राें काे अंक पहले की तरह ही दिए जाएंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए विवि प्रशासन की परीक्षा शाखा और विभागाध्यक्ष इस पर नजर रखेंगे।
एचपीयू के वीसी प्राे. सिकंदर कुमार का कहना है कि छात्राें की सुविधा काे देखते हुए इस तरह का निर्णय लिया गया है। काेराेना संकंट में छात्र अपने विभागाें में नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में प्रैक्टिकल परीक्षाएं ऑनलाइन ही हाेगी।
एचपीयू में पीजी की प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए छात्राें काे एक डेट दी जाती है। विभाग अपने अपने स्तर पर दी गई डेट के अनुसार प्रैक्टिकल करवाते हैं। इसमें लिखित परीक्षा के अलावा वाइवा वाॅयस यानि की साक्षात्कार भी शामिल हाेता है।
जबकि इस बार ये सभी तरह की प्रक्रियाएं ऑनलाइन हाेगी। विभाग ऑनलाइन ही प्रैक्टिकल के पेपर छात्राें काे साॅल्व करने काे देंगे। वहीं, वाइवा वाॅयस भी ऑनलाइन ही लेंगे। इससे जहां छात्राें का समय बचेगा, वहीं उन्हेें विवि में अपने विभाग मेंं नहीं आना पड़ेगा।
ऑनलाइन बैठकाें में भाग लेने वाले शिक्षकाें काे मानदेय भी मिलेगा: एचपीयू प्रशासन ने निर्णय लिया है कि ऑनलाइन बैठकाें में भाग लेने वाले शिक्षकाें काे अब मानदेय भी दिया जाएगा। विवि के नियमाें के अनुसार किसी बैठक या सेमिनार में भाग लेने वाले शिक्षकाें काे प्रशासन की ओर से मानदेय दिया जाता है।
काेराेना संक्रमण के चलते इन दिनाें विवि में बैठकें और सेमिनार ऑनलाइन हाे रहे हैं। इसलिए अब ऑनलाइन बैठकाें में भाग लेने वाले शिक्षकाें काे मानदेय भी दिया जाएगा।
छात्राें की मांग पर एचपीयू प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिस भी विभाग ने अधिक फीस छात्राें से ली है, उसे वापस किया जाए। प्रशासन की ओर से आदेश जारी किए गए है कई विभागाें ने परीक्षा शुल्क ज्यादा लिए हैं, ऐसे में वे इसमें सुधार करें।
ताकि छात्राें काे किसी तरह की काेई दिक्कत न हाे। छात्र संगठन एबीवीपी और एसएफआई ने भी इस मामले काे लेकर प्रशासन का घेराव किया था। परीक्षा फाॅर्म भरने की डेट समाप्त हाेने के बाद छात्राें से लेट फीस काफी अधिक ली जा रही है।