भगवान शिव को समर्पित पवित्र मणिमहेश झील में आज होगा छोटा शाही स्नान
यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा 11-08-2020
भगवान शिव को समर्पित पवित्र मणिमहेश यात्रा पर भले ही कोरोना के चलते इस बार रोक लगी हो, लेकिन जिला प्रशासन और शिव के चेले सदियों से चली आ रहीं परंपराएं निभाएंगे।
डल झील में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगलवार सुबह 9:07 बजे से बुधवार सुबह 11:17 बजे तक छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त है। राधाष्टमी को बड़े शाही स्नान के साथ समापन होगा।
कृष्ण जन्माष्टमी स्नान पर जम्मू के डोडा से आए चुनिंदा लोग ही डल झील में पूजा अर्चना के बाद डुबकी लगाएंगे। सोमवार को जम्मू का दल मणिमहेश के लिए रवाना हो गया है।
हर साल मणिमहेश यात्रा पर लाखों श्रद्धालु जाते थे। कई राज्यों से लोग यहां आते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने आम श्रद्धालुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है। रस्में निभाने वाले ही अनुमति पर यात्रा में भाग लेंगे।
इनमें जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से छड़ी लेकर पहुंचे श्रद्धालुुओं में से आठ या नौ लोगों को भी डल झील तक जाने की अनुमति मिली है। पंडित विपिन शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी के स्नान के लिए शुभ मुहूर्त तय है।
इसी शुभ मुहूर्त में पौराणिक जातर मेले की रस्में होंगी। साथ ही चौरासी परिसर स्थित नरसिंह मंदिर में कृष्ण के बाल रूप दर्शन करवाए जाएंगे। इनमें चंद पुजारी और मेला कमेटी की ओर से पास पाने वाले लोगों को ही अनुमति रहेगी।
करीब 13500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश डल झील में स्नान करने के बाद यात्रा संपन्न होती है। इस झील के पूर्व दिशा में कैलाश पर्वत है, जिसकी ऊंचाई समुद्रतल से करीब 18564 फीट है, वहां आज तक कोई इंसान नहीं पहुंच पाया।
मान्यता है कि इस पर्वत पर सूरज की रोशनी पड़ते ही मणि जैसा कुछ चमकता है, जो भाग्यशाली लोगों को ही दिखता है। कैलाश पर्वत के दर्शन डल झील से होते हैं।
इस दिव्य अलौकिक दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालु अत्यधिक ठंड या बारिश के बावजूद भी दर्शनार्थ बैठे रहते हैं। यात्रा के दौरान ब्रह्माणी कुंड में स्नान किए बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है।