मोदी सरकार खड़ा कर रही आत्मनिर्भर भारत का मज़बूत ढाँचा :अनुराग ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-7-0202
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों और वैज्ञानिकों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाए जाने की बात कहते हुए इस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन को बल मिलने की बात कही है।
अनुराग ने कहा कि देश की खाद्यान्न ज़रूरतों को पूरा करने में अन्नदाता व नित नए प्रयोगों से देश को तकनीकी दक्षता प्रदान करने में वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जय किसान,जय विज्ञान नीति की बुनियाद पर आत्मनिर्भर भारत का मज़बूत ढाँचा खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है।काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र-3 का सामान्य परिचालन स्थिति में आना भारत के न्यूक्लियर क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि है।
गुजरात में स्थित 700 मेगावाट की क्षमता वाले इस ऊर्जा संयंत्र के सामान्य परिचालन स्थिति में आना इस बात का संकेत है कि यह संयंत्र ऊर्जा उत्पादन के लिए अब तैयार है।हमारे वैज्ञानिकों की कर्तव्यनिष्ठा के बलबूते यह स्वेदशी परमाणु संयंत्र मेक इन इंडिया अभियान का गौरवपूर्ण उदाहरण है।
मोदी सरकार की प्रगतिशील नीतियों व हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत से देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं हैं ।आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हमने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के दबदबे को और बढ़ाने के लिए भविष्य की योजनाओं में प्राइवेट सेक्टर को मौका दिया देने व स्टार्टअप ईकोसिस्टम को न्यूक्लियर सेक्टर से जोड़ने का निर्णय किया है।
हम आने वाले बेहतर कल की तैयारी आज से शुरू करने की नीतियों पर काम कर रहे हैं जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहा”किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादक संगठन (एफ़पीओ) के माध्यम से कृषि उद्यमों को प्रोत्साहन देने का एक और ऐतिहासिक उठाया है।
केंद्र सरकार द्वारा योजना के शुभारंभ से मात्र 4 महीने में ही कुल 910 कृषि उत्पादक संगठनों का पंजीकरण हो चुका है जिनसे 8.62 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं।
इस योजना से गांव के स्तर पर ही किसानों को पारदर्शी और उच्च-तकनीकी बाजार मिल रहा है। अगले 5 वर्षों में इसी तरह कुल 10000 एफ़पीओ का गठन किया जाएगा जिससे 30 लाख अन्नदाताओं को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
इस योजना पर कुल 6,865 करोड़ रुपए खर्च किए जाएँगे। हाल ही में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े दो नए अध्यादेशों को मंजूरी व एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी है।