लॉकडाउन के बीच हजारों मछुआरों की रोजी-रोटी पर संकट , नहीं मिल रही मार्केट

लॉकडाउन के बीच हजारों मछुआरों की रोजी-रोटी पर संकट , नहीं मिल रही मार्केट

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर    02-05-2020

लॉकडाउन के बीच प्रदेश के करीब दस हजार मछुआरों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बाजार में न के बराबर मांग होने के कारण मछली व्यवसाय ठप हो गया है। 

गोबिंद सागर सहित अन्य स्थानों में मछलियों की भरमार होने के बावजूद मछुआरों के चेहरे मुरझा गए हैं। स्थानीय बाजारों में भी मछली की मांग कुछ ज्यादा नहीं है। बिलासपुर में ही करीब 2500 परिवारों की रोजी रोटी मछली व्यवसाय से चलती है।

लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण इनकी आर्थिकी बिगड़ गई है। लॉकडाउन की वजह से झील से मछली उत्पादन पिछले लगभग डेढ़ महीने से रुका हुआ था। जिसे 20 अप्रैल को जिला प्रशासन ने शुरू करवाया है। 

जिले में मछली पकड़ने के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें भाखड़ा केंद्र की मछली पंजाब भेजी जाती है। बाकी केंद्रों से प्रदेश के शिमला, ऊना, कांगड़ा, मंडी, धर्मशाला और सोलन भेजी जाती है।

लॉकडाउन के बाद झील से मछली उत्पादन पूरी तरह बंद होने से जिले के मछुआरों की कमर टूट गई है। जल में मछलियों की भरमार है मगर मछुआरों के परिवारों पर खाने पीने का अकाल पड़ गया है।

सराज अख्तर, अनीम, दानिश, मुकेश का कहना है कि सरकार प्रदेश भर के मछुआरों के लिए भी पैकेज का ऐलान करे। 

किसानों की तर्ज पर मछुआरों के लिए भी प्रदेश सरकार राहत राशि सीधे बैंक खातों में जमा करें। जिससे मछुआरों के परिवार की आर्थिक व्यवस्था में सुधार आ सके। मार्च 31 तक मछली के रेट ठीक मिलते थे, लेकिन लॉकडाउन से सब खत्म हो गया।

लॉकडाउन से झील में मछली बाजार में मांग के मुताबिक नहीं पहुंच पा रही। बीस अप्रैल के बाद डिमांड के आधार पर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए मछली भेजना शुरू कर दी है। - सतपाल मेहता, निदेशक मत्स्य विभाग।

झील में पिछले 2 सालों में मछली उत्पादन की दर में काफी कमी आयी है। जहां झील में हजार टन तक मछली उत्पादन होता था वो अब घट कर 300 से 500 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। इस साल अब तक सिर्फ 300 मीट्रिक टन का ही उत्पादन हुआ है। 

इसकी बड़ी वजह कोलबांध और फोरलेन है। फोरलेन में होने वाले खनन से झील से जुड़ने वाले सभी नाले और खड्डों में मिट्टी भर गई है। इससे मछली की प्राकृतिक ब्रीडिंग बंद हो गई है। - श्याम लाल शर्मा , एडीएफ बिलासपुर।