वार्डो को कम करने के साथ-साथ पुराने डिलिमिटेशन को अपनाना अवैध और असंवैधानिक  : जैन

विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में दरख्वास्त डालने के बाद कहा कि शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है और साथ ही हिमाचल प्रदेश नगर निगम (चुनाव) नियम, 2012 का उल्लंघन

वार्डो को कम करने के साथ-साथ पुराने डिलिमिटेशन को अपनाना अवैध और असंवैधानिक  : जैन

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      16-03-2023

विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में दरख्वास्त डालने के बाद कहा कि शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है और साथ ही हिमाचल प्रदेश नगर निगम (चुनाव) नियम, 2012 का उल्लंघन। 

सतपाल जैन ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया कि जब वार्डों को 34 से बढ़ाकर 41 करने की पूरी कवायद कानून को मद्देनजर रखते हुए और सभी नियमों की पालना करते हुए की थी, तो हिमाचल सरकार द्वारा वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने का कोई औचित्य नहीं था। 

उन्होंने कहा कि अन्यथा वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के बाद भी डिलिमिटेशन के नियमों के अनुसार 34 वार्डों के डिलिमिटेशन की प्रक्रिया फिर से करने की क्या आवश्यकता थी। इसलिए, वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के साथ-साथ पुराने डिलिमिटेशन को अपनाना दोनों अवैध, असंवैधानिक है और रद्द किए जाने योग्य हैं।  

उन्होंने आग्रह किया कि उत्तरदाताओं को हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार नए सिरे से डिलिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्देशित किया जाए। लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने राज्य के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया और दोनों प्रतिवादियों का मामला दायर करने का निर्देश दिया।  

माननीय उच्च न्यायालय ने आगे की दलीलों के लिए मामले को 28-3-2023 के लिए फिक्स किया है। इस अवसर पर अधिवक्ता वीर बहादुर वर्मा, अंकित धीमान, अनु वर्मा और मुकुल शर्मा उनके साथ रहे। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सत्यपाल जैन का शिमला आम पर स्वागत एवं अभिनंदन किया।