शहीद सोहन सिंह की पुण्यतिथि पर पूर्व सैनिकों व लोगों ने किया नमन 

शहीद सोहन सिंह की पुण्यतिथि पर पूर्व सैनिकों व लोगों ने किया नमन 
शहीद सोहन सिंह की पुण्यतिथि पर पूर्व सैनिकों व लोगों ने किया नमन 

यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब  04-06-2020

अमर शहीद सोहन सिंह के पैतृक गांव मानपुर देवड़ा स्थित शहीदी स्थल पर भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र व परिवार के सदस्यों के अलावा गांव के लोगों ने कोरोना संकट की विकट घड़ी में प्रशासन से अनुमति लेकर सरकार व प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाईडलाइन का पालन करते हुए अमर शहीद सोहन सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 

सभी उपस्थित लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सभी लोगों ने मास्क पहनकर व व्यक्तिगत दूरी का भी पालन किया।
  
"आओ झुक कर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
खुशनसीब होता है वो खून, जो देश के काम आता है"

      

उपरोक्त शब्दों के साथ संगठन के सचिव नरेंद्र सिंह ठुंडू ने शहीद सोहन सिंह सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शहीद सिपाही सोहन सिंह 6वीं डोगरा रेजीमेंट मे तैनात थे। 

वह 2015 में वीं ऑपरेशन राइनो के अंतर्गत इफाजत-1 के तहत मणिपुर में तैनात थे। 04 जून 2015 को सिपाही सोहन सिंह वीरगति को प्राप्त हुए।

वर्तमान में शहीद सोहन सिंह के परिवार में उनकी माता रुकमणी व धर्मपत्नी श्रीमती रजनी देवी व अन्य सदस्य हैं। सभी लोगों को सिपाही सोहन सिंह के बलिदान पर गर्व है। 

इस मौके पर माता रुकमणी व धर्मपत्नी रजनी देवी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके उपरांत राष्ट्रीयगान तदोपरांत उपस्थित सभी लोगों ने शहीद शेर सिंह के स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की।  

उपस्थित सभी लोगों ने भारत माता की जय व शहीद सोहन सिंह अमर रहे के नारे लगाए और भूतपूर्व सैनिक सगंठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र के अध्यक्ष विरेन्द्र चौहान ने सभी से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर काम करने की अपील की तथा देश के लिए हमेशा मर मिटने के लिए तैयार रहना चाहिए। 

शहीद सोहन सिंह के माता व धर्मपत्नी व परिवार के सदस्य तथा भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र से वीरेंद्र सिंह चौहान,दर्शन सिंह,नरेंद्र सिंह ठुंडू, तरुण गुरुंग, तिलक स्वर्ण जीत सिंह व दिनेश कुमार, करनैल सिंह व राजेंद्र थापा, चमेल नेगी, नरेश कुमार, संतराम तथा अन्य मौजूद रहे। 

 ‘शहीदों की चिताऔं पर लगेंगे हर बरस मेले,  वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा,