सड़कों पर टारिंग के लिए माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का प्रयोग करेगा लोक निर्माण विभाग 

सड़कों पर टारिंग के लिए माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का प्रयोग करेगा लोक निर्माण विभाग 

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर   25-05-2021

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में सड़कों की टारिंग अब नई और किफायती तकनीक से होगी। लोक निर्माण विभाग सड़कों पर टारिंग के लिए माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का प्रयोग करेगा। 

यह तकनीकी वहां प्रयोग में लाई जाती है, जिन सड़कों पर टारिंग करीब दो या तीन साल पहले हुई हो और सड़क पर दरारें पड़ी हों।

दोबारा टारिंग के चलते टारिंग की लागत अत्यधिक रहती है। इसलिए विभाग इस बार माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। 

माइक्रो सरफेसिंग के लिए रेत, ठंडी तारकोल और सीमेंट का प्रयोग किया जाता है। इससे सड़क पर पड़ी दरारों में यह मिश्रण मिल जाता है और सड़क पर एक पतली परत जम जाती है।

टारिंग की यह परत चार से आठ मिलीमीटर की होती है। जबकि सामान्य तौर पर टारिंग के दौरान 25 से 30 मिलीमीटर की परत अनिवार्य रहती है।

नई तकनीक से परत की मोटाई कम होने के चलते मैटीरियल भी कम प्रयोग होता है और साथ में टारिंग की लागत भी करीब 40 फीसदी कम रहती है। 

साथ ही सड़क पर टारिंग का टिकाऊपन कई गुणा बढ़ जाता है। प्रदेश सरकार ने बरसात से पूर्व टारिंग का कार्य पूरा करने के लिए सभी मंडलों को बजट भी जारी कर दिया है। ताकि बरसात से पूर्व सड़कों की दशा में सुधार हो सके। 

उधर, लोनिवि हमीरपुर के अधिशासी अभियंता विवेक शर्मा ने कहा कि बरसात से पूर्व खराब सड़कों पर टारिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस बार टारिंग के लिए माइक्रो सरफेसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। 

इस तकनीक से सड़क की मजबूती कई गुणा बढ़ जाती है। साथ ही लागत भी कम रहती है। इस तकनीक का प्रयोग वहां होता है, जहां सड़क पर दरार आ गई हो।