सेब खरीद केंद्रों में गड़बड़ी रोकने को लेकर सरकार ने सेब नीलामी केंद्रों की घटाई संख्या   

 सेब खरीद केंद्रों में गड़बड़ी रोकने को लेकर सरकार ने सेब नीलामी केंद्रों की घटाई संख्या   

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   13-08-2020

हिमाचल में मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब खरीद केंद्रों में गड़बड़ी रोकने को सरकार ने सेब नीलामी केंद्रों की संख्या घटा दी है। पहले सरकार सिर्फ परवाणू में ही एमआईएस के तहत खरीदे सेब की नीलामी करती रही है, 

लेकिन इस बार सरकार ने सेब नीलामी केंद्रों की संख्या 97 करने का फैसला लिया था। इन केंद्रों में निगरानी की व्यवस्था न होने पर सरकार को संख्या घटानी पड़ी है। सरकार ने हिमफेड के 27 और एचपीएमसी के 70 सेब नीलामी केंद्र बनाने का फैसला लिया था।

इससे दोनों संस्थाओं के हाथ पांव फूलने लगे थे, क्योंकि इन संस्थाओं को करीब 260 एमआईएस फल खरीद सेंटर खोलने थे। इनके संचालन को अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत थी। 

नीलामी केंद्रों में स्टाफ की तैनाती अलग से करनी पड़ रही थी। हिमफेड और एचपीएमसी के समक्ष सबसे बड़ी समस्या नीलामी केंद्रों में कड़ी निगरानी रखने की थी। 

एचपीएमसी के महाप्रबंधक डॉ. भुवन शर्मा कहते हैं कि पहले 70 सेब नीलामी केंद्र खोलने का प्रस्ताव था और अब सिर्फ पांच नीलामी केंद्र आंटी, पराला, गुम्मा, नारकंडा और परवाणू में खोले हैं।

सरकार एमआईएस के तहत बागवानों से सेब 8.50 रुपये किलो खरीद रही है। खुली नीलामी में सेब कम दाम पर व्यापारी खरीदते हैं।

इसके बाद इसे दोबारा खरीद केंद्रों में बेचने की आशंका जताई जा रही थी। इस कारण कम सेब नीलामी केंद्र खोले गए हैं। 

हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त कहते हैं कि सेब नीलामी केंद्रों की संख्या 27 से पांच कर दी है। अधिक नीलामी केंद्रों के खुलने से सेब दोबारा खरीद केंद्रों में बिकने की आशंका थी और निगरानी करना संभव नहीं था।