संयुक्त राष्ट्र की महासचिव बनेगी हिंदुस्तान की बेटी अरोड़ा आकांक्षा जानिए...
यंगवार्ता न्यूज़ - चंडीगढ़ 28-02-2021
हरियाणा की रहने वालीं 34 वर्षीय अरोड़ा आकांक्षा संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के लिए रेस में हैं। फिलहाल संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में वह ऑडिट कॉर्डिनेटर के तौर पर काम करती हैं।
अरोड़ा आकांक्षा ने यूएन महासचिव बनने के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया है। वह एंटोनियो गुटारेस के मुकाबले उतरने वाली अकेली कैंडिडेट होंगी।अरोड़ा आकांक्षा की उम्मीदवारी का भारत ने आधिकारिक तौर पर समर्थन नहीं किया है, लेकिन उन्होंने यूएनओ के नाम से खुद ही ट्विटर पर कैंपेन शुरू कर दिया है। आकांक्षा का कहना है कि एंटोनियो गुटारेस यूएन महासचिव के तौर पर असफल रहे हैं।
हरियाणा में जन्मीं आकांक्षा अरोड़ा जब 6 साल की थीं तो परिवार के साथ सऊदी अरब में शिफ्ट हो गई थीं। उन्होंने कनाडा के टोरंटो की योर्क यूनिवर्सिटी से एडमिनिस्ट्रेटिव स्टडीज में बैचलर डिग्री ली थी। इसके अलावा कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने मास्टर्स की डिग्री ली है। आकांक्षा के पास ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया का दर्जा है।
इसके अलावा कनाडा का पासपोर्ट भी उनके पास है। हालांकि उन्होंने भारत सरकार से अपने समर्थन की मांग नहीं की है। अरोड़ा आकांक्षा अपने कैंपेन की सेल्फ फाइनेंसिंग कर रही हैं। उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने चार्टर में जो कहता है, वैसी स्थिति नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र में अपने काम के दौरान यह अनुभव किया है कि यहां बदलाव के लिए वैसा माहौल नहीं है, जैसा कहा जा रहा है। मैं बीते दो सालों से सुधार के लिए जुटी रही हूं और मुझे ऊपर की लीडरशिप ने कुछ हद तक सहयोग भी दिया है। अपनी कम उम्र और कम अनुभव को लेकर अरोड़ा आकांक्षा ने कहा कि मेरी उम्र कम होना ही एडवांटेज है।
वह कहती हैं कि हमें यह समझने की जरूरत है कि देश की आधी आबादी की उम्र तीस साल से कम है। वह कहती हैं कि क्य़ा आप ऐसा लीडर नहीं चाहते जो यह समझे कि आप लोगों की क्या समस्याएं हो सकती हैं और आपकी उम्र के लोग किन चीजों की जरूरत रखते हैं। यदि आप नतीजों में बदलाव देखना चाहते हैं तो आपको काम भी बदले हुए तरीके से करना होगा।