सरकार के लिए गले की फांस बना सीमेंट फैक्ट्री विवाद , सुक्खू सरकार ने 20 को बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

हिमाचल में एक महीने से जारी सीमेंट फैक्ट्री विवाद अब सुक्खू सरकार के गले की फांस बन चुका है। सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच उपजा विवाद समाप्त करने की सरकार की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं

सरकार के लिए गले की फांस बना सीमेंट फैक्ट्री विवाद , सुक्खू सरकार ने 20 को बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  19-01-2023
 
हिमाचल में एक महीने से जारी सीमेंट फैक्ट्री विवाद अब सुक्खू सरकार के गले की फांस बन चुका है। सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच उपजा विवाद समाप्त करने की सरकार की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। 10 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं। इस बीच सरकार को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। ट्रक ऑपरेटर्स भी तंगी झेल रहे हैं। 
 
 
सरकार दोनों पक्षों का गतिरोध तोड़ने में जुटी है, लेकिन कोई हल निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की कल ट्रक ऑपरेटरों के साथ एक बैठक हुई, जो बेनतीजा रही, लेकिन माल भाड़े के नए रेट तय करने से पहले सरकार ट्रक ऑपरेटरों को विश्वास में लेती हुई दिखाई दी। सरकार ट्रक ऑपरेटरों के हितों के साथ अनदेखी नहीं करना चाहती। 
 
 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी है। लिहाजा मंत्री ने दोनों पक्षों के साथ बात करने के लिए 20 जनवरी को बैठक बुलाई है। इस बैठक से पहले अधिकारी अपने स्तर पर विवाद को सुलझाने में जुटे हुए हैं। इसके चलते कल प्रधान सचिव परिवहन ने ट्रक ऑपरेटरों के साथ एक बैठक की। 20 जनवरी को मंत्री के साथ होने वाली इस बैठक में दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर गतिरोध को तोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। 
 
 
सीमेंट कंपनी विवाद को सुलझाने के लिए सरकार सभी संभावनाओं का पता लगा रही है। राज्य सरकार पड़ोसी राज्यों से ढुलाई की दरों को निर्धारित करने का तरीका पता लगाने में जुटी है। इसमें जम्मू-कश्मीर की ढुलाई दरों का अध्ययन किया जा रहा है। राज्य सरकार यह देख रही है कि दूसरे पहाड़ी राज्यों में मालभाड़े के साथ सीमेंट की दरें क्या हैं और हिमाचल में कितनी हैं। ऐसे में सभी पक्षों का अध्ययन करने के बाद सरकार दोनों पक्षों को मनाने का प्रयास करेगी।