सोलन में उत्तर भारत की पहली हर्बल मंडी होगी तैयार 

सोलन में उत्तर भारत की पहली हर्बल मंडी होगी तैयार 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  24-05-2021

उत्तर भारत की पहली हर्बल मंडी सोलन जिला में बनेगी। प्रदेश में बीते करीब 15 वर्षों से आंवला, हरड़, बेहड़ा, अनारदाना व अन्य औषधीय पौधों को रोपित करने की वन विभाग व किसानों द्वारा पहल की जा रही है। इसका धीरे-धीरे अब पैदावार पर भी अनुकूल असर दिखाई दे रहा है। 

हाल ही के कुछ वर्षों में स्वास्थ्य की दृष्टि से आयुर्वेद के ऊपर भी आम जनता का भरोसा बढ़ा है तथा प्रदेश में हर्बल उत्पादों की ओर रुझान होने लगा है। इसी के दृष्टिगत अब उत्तर भारत की पहली हर्बल मंडी सोलन जिला के बनलगी में स्थापित होने जा रही है। 

पिछले कुछ वर्षों से हर्बल उत्पादों को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है और कोविड महामारी के इस दौर में तो इन उत्पादों की डिमांड काफी बढ़ रही है। लोग अब आयुर्वेदिक व हर्बल उत्पादों का उपयोग करना ही बेहतर समझ रहे हैं। 

प्रदेश में अश्वगंधा, हरड़, सतबरी, आंवला, बेहड़ा, अनारदाना व अन्य औषधीय पौधे प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं या इनका उत्पादन किया जाता है।

इन सभी उत्पादों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है, लेकिन प्रदेश के उत्पादकों को इन उत्पादों की बिक्री के लिए दर-दर भटकना पड़ता है या फिर औने-पौने दामों में इन्हें बेचना पड़ता है। 

प्रदेश के जिला किन्नौर, चंबा, लाहुल-स्पीति, शिमला, सोलन व सिरमौर में हर्बल उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। यदि इन्हें उचित बाजार मुहैया करवाया जाए, तो न केवल वे उत्साहित होंगे,

बल्कि उनकी आर्थिकी भी सुधरेगी। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड ने हर्बल मंडी की स्थापना किए जाने की योजना बनाई है।

इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सोलन जिला के बनलगी क्षेत्र को चुना गया है। यहां बोर्ड की सब्जी मंडी है, जोकि अपरिहार्य कारणों के चलते पिछले काफी वर्षों से बंद पड़ी है। 

योजना के तहत इसी मंडी को नया स्वरूप देकर हर्बल मंडी के रूप में विकसित किया जा रहा है और जल्द ही यहां पर हर्बल मंडी की स्थापना कर दी जाएगी, जो उत्तर भारत की पहली हर्बल मंडी होगी।