हिमाचल को  खेतों की सिंचाई के लिए केंद्र से 222 करोड़ की राशि मंजूर 

हिमाचल सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए केंद्र सरकार को 222.55 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी

हिमाचल को  खेतों की सिंचाई के लिए केंद्र से 222 करोड़ की राशि मंजूर 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    05-06-2022

हिमाचल सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए केंद्र सरकार को 222.55 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा भेजा गया एक्शन प्लान मंजूर कर दिया है। 

हिमाचल सरकार ने स्टेट लेवल सैंक्शनिंग कमेटी की मंजूरी के लिए मई के दूसरे सप्ताह में ही 222.55 करोड़ रुपए का प्लान केंद्र को भेजा था। भारत सरकार ने बिना किसी आपत्ति के एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी है। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नोडल ऑफिसर डा. अश्वनी भारद्वाज ने इसकी पुष्टि की। मंजूरी मिलने के बाद अब वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्र से राज्य के ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, बागबानी और जलशक्ति महकमे को विभिन्न सिंचाई योजनाओं के निर्माण के लिए बजट मिलेगा।

इससे प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक सिंचाई योजनाओं का निर्माण भी किया जाएगा। केंद्र ने जलशक्ति विभाग को सबसे ज्यादा 152.08 करोड़ रुपए का बजट देने की हामी भरी है। कृषि व बागबानी विभाग का 32.67 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग का 37.80 करोड़ का बजट मंजूर किया है। यह बजट दो से तीन किस्तों में मिलेगा। 

प्रधानपमंत्री कृषि सिंचाई योजना केंद्र प्रायोजित योजना है। मोदी सरकार ने मोर क्रॉप, मोर ड्रॉप का नारा देते हुए साल 2016 में कृषि, बागबानी, जलशक्ति तथा ग्रामीण विकास विभाग की सिंचाई योजनाओं का कनवर्जेंस किया, यानी सिंचाई की विभिन्न विभागों की योजनाएं खत्म करके प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ही बजट देने का प्रावधान किया।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के नोडल अधिकारी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के मंजूर होने से प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। इससे प्रदेश में सूखे की स्थिति में सिंचाई किसानों व बागबानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होगी। 

गौरतलब है कि इस बार भी सूखे की स्थिति के कारण हिमाचल प्रदेश के किसानों व बागबानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। आगामी समय में ऐसी स्थिति से निपटने में सहायता मिलेगी।