1 दिसंबर को नौणी विश्वविद्यालय मनाएगा अपना 38वां स्थापना दिवस

डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, 1 दिसंबर को अपना 38वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस वर्ष, समारोह में प्रतिष्ठित हस्तियों के व्याख्यान, वर्तमान छात्रों के साथ पूर्व छात्रों की बातचीत, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी

1 दिसंबर को नौणी विश्वविद्यालय मनाएगा अपना 38वां स्थापना दिवस

यंगवाता न्यूज़ - सोलन       29-11-2022

डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, 1 दिसंबर को अपना 38वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस वर्ष, समारोह में प्रतिष्ठित हस्तियों के व्याख्यान, वर्तमान छात्रों के साथ पूर्व छात्रों की बातचीत, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी। 

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में बागवानी आयुक्त डॉ॰ प्रभात कुमार इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। वानिकी महाविद्यालय व अनुसंधान संस्थान मेट्टुपलायम के डीन डॉ के टी पार्थिबन, इस कार्यक्रम में वशिस्ट अतिथि होंगे। 

डॉ कुमार नए बागवानी के आयाम से उद्यमिता के अवसर विषय पर व्याख्यान देंगे, जबकि डॉ पार्थिबन का व्याख्यान 'औद्योगिक कृषि वानिकी में मूल्य श्रृंखला की स्थिति और विकास' पर केंद्रित होगा।

इसके अलावा विश्वविद्यालय के कुछ पूर्व छात्रों को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है। स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत वर्तमान छात्रों के लिए 'पूर्व छात्रों के नेटवर्क को मजबूत करना और बागवानी और वानिकी में उद्यमिता अवसर पर जागरूकता' विषय पर एक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। क्रिकेट और वॉलीबॉल मैच, और ग्रामीण खेलों जैसे कई गतिविधियां का भी आयोजन किया जाएगा। 

पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों की प्रगति रिपोर्ट भी कुलपति द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। इस कार्यक्रम में सेवानिवृत्त वैज्ञानिक और कर्मचारी, सीनेट, प्रबंधन बोर्ड, शैक्षणिक, विस्तार और अनुसंधान परिषद के सदस्य, कर्मचारी और छात्र भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग विश्वविद्यालय के फ़ेसबूक और यूट्यूब चैनल पर की जाएगी।

औपचारिक रूप से तो विश्वविद्यालय की स्थापना 1 दिसम्बर, 1985 में हुई लेकिन विश्वविद्यालय का अस्तित्व सोलन के कृषि कॉलेज से जुड़ा है जो वर्ष 1962 में शुरू हुआ था। 

स्थापना के बाद से ही नौणी विश्वविद्यालय का शिक्षा,शोध और विस्तार में उत्कृष्टता का लंबा इतिहास रहा है। विश्वविद्यालय के छात्रों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों से औद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।