21 जून को हुआ रिकॉर्ड टीकाकरण, सभी लोग लगवाए वैक्सीन , मन की बात में बोले पीएम मोदी
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 27-06-2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना टीकाकरण, टोक्यो ओलंपिक्स और मॉनसून समेत कई विषयों पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ हम देशवासियों की लड़ाई जारी है, 21 जून को वैक्सीन अभियान के अगले चरण की शुरुआत हुई और उसी दिन देश ने 86 लाख से ज़्यादा लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी बना दिया..वो भी एक दिन में।
टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुए पीएम ने मिल्खा सिंह को याद किया। पीएम ने कहा कि मिल्खा सिंह का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने कहा कि जब बात टोक्यो ओलंपिक्स की बात हो रही हो, तो मिल्खा सिंह जी जैसे महान एथलीट को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया।
जब मिल्खा सिंह अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था। बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो 1964 में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी ओलंपिक के लिए टोक्यो जा रहे हैं तो आपको हमारे एथलीट का मनोबल बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साल पहले सबके सामने सवाल था कि वैक्सीन कब आएगी? आज हम एक दिन में लाखों लोगों को मेड इन इंडिया वैक्सीन मुफ्त में लगा रहे हैं। यही तो नए भारत की नई ताकत है। उन्होंने कहा कि कभी-ना-कभी ये विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों, हमारे वनवासी-आदिवासी भाई-बहनों ने इस कोरोना काल में किस तरह अपने सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया।
गांव के लोगों ने क्वारंटाइन सेंटर बनाए, स्थानीय जरूरतों को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल बनाए।मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में अब मानसून का सीजन भी आ गया है। बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिए ही नहीं बरसते बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। बारिश का पानी जमीन में जाकर इकठ्ठा होता है,जमीन के जलस्तर को भी सुधारता है। इसलिए मैं जल संरक्षण को देश सेवा का एक ही रूप मानता हूं।
पीएम ने कहा कि 1 जुलाई को हम राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाएंगे। ये दिन देश के महान चिकित्सक और स्टेट्समैन डॉक्टर बीसी राय की जन्म-जयंती को समर्पित है। कोरोना-काल में डॉक्टरों के योगदान के हम सब आभारी हैं। हमारे डॉक्टर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारी सेवा की है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई लोग ऐसे भी हैं जो डॉक्टर्स की मदद के लिए आगे बढ़कर काम करते हैं। श्रीनगर से एक ऐसे ही प्रयास के बारे में मुझे पता चला। यहां डल झील में एक बोट एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की गई।