अब खेलों में रूचि नहीं लेंगे छात्र , शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा खत्म
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 25-07/2021
हिमाचल प्रदेश के दो खिलाड़ी जहां टोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा खत्म कर दिया। आरक्षण खत्म करने का सरकार का यह फैसला खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने वाला है।
सरकार ने प्रवेश के लिए लागू किए 200 प्वाइंट रोस्टर में आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग छात्रों के लिए क्रमश: दस और पांच फीसदी आरक्षण देने के आदेश जारी किए हैं। अब जिन कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में सीमित सीटें हैं और मेरिट आधार पर प्रवेश दिया जाता है, उनमें स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी में अव्वल रहने वाले छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा।
इससे पहले 120 प्वाइंट रोस्टर में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा पांच-पांच फीसदी था। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा का कहना है कोटे के विवाद को रिव्यू करने के लिए आठ सदस्यीय कमेटी बना दी है। यह मसला सरकार को भेजा जाएगा।
उधर, छात्र मांग कर रहे हैं कि पूर्व की तरह प्रवेश प्रक्रिया में लागू किए जाने वाले 120 प्वाइंट रोस्टर में दिए जाने वाले आरक्षण को सरकार बहाल करे। कॉलेजों में 26 जुलाई से यूजी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो रही है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कॉलेजों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को दस फीसदी और दिव्यांग श्रेणी के छात्रों को पांच फीसदी आरक्षण देने के आदेश जारी किए हैं।
20 अगस्त, 2020 को संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा की ओर से जारी आदेशों में नए 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के आदेश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा बहाल करने की मांग को लेकर शनिवार को शिक्षा निदेशक से मुलाकात की।
संघ के सचिव डॉ. राम लाल शर्मा ने सौंपे मांग पत्र में कहा कि सरकार का स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा समाप्त करने से खिलाड़ियों का मनोबल गिरेगा। खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में छात्रों का हिस्सा लेना कम हो जाएगा।
कॉलेजों में लागू 120 प्वाइंट प्रवेश आरक्षण रोस्टर के मुताबिक कुल 120 में से छह सीटें अव्वल खिलाड़ियों और कल्चरल एक्टिविस्ट के लिए आरक्षित होती थी। अब 200 प्वाइंट रोस्टर लागू कर समाप्त कर दिया गया है।