अब हिमाचल के 137 कॉलेज के छात्रों को एचपीयू की नहीं , सरदार पटेल विवि से मिलेगी डिग्री

प्रदेश के पांच जिलों के 137 कालेजों में पहले व दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की डिग्री मिलेगी। इनमें मंडी, कांगड़ा, चंबा, लाहुल स्पीति और कुल्लू जिला के कालेज शामिल हैं

अब हिमाचल के 137 कॉलेज के छात्रों को एचपीयू की नहीं , सरदार पटेल विवि से मिलेगी डिग्री

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  11-05-2022
 
 
प्रदेश के पांच जिलों के 137 कालेजों में पहले व दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी की डिग्री मिलेगी। इनमें मंडी, कांगड़ा, चंबा, लाहुल स्पीति और कुल्लू जिला के कालेज शामिल हैं। मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्नातक कक्षाओं की परीक्षाएं चली हुई हैं। जून के अंतिम सप्ताह में इनका रिजल्ट आएगा। अन्य कक्षाओं का परिणाम इसके बाद आता है। ऐसे में प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों का रिकॉर्ड ही शिफ्ट किया जाएगा। 
 
 
राजकीय महाविद्यालयों के अलावा बीएड, नर्सिंग व अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों को दो साल बाद सरदार पटेल विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी। सोमवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के बीच प्रदेश के 302 कालेजों का बंटवारा कर दिया है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के अधीन मंडी, कांगड़ा, चंबा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला के 137 कॉलेज आए हैं।
 
 
 शिमला, सिरमौर, सोलन, किन्नौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिला के 165 कालेजों को एचपीयू के अधीन रखा गया है। मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर देगी। एचपीयू और सरदार पटेल विश्वविद्यालय मिलकर नियम तैयार करेंगे कि विद्यार्थियों का रिकॉर्ड कैसे ट्रांसफर करना है। बैठक में नियम तय कर आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। जुलाई में नया सत्र शुरू होगा। 
 
 
इससे पहले नियम तैयार कर दिए जाएंगे। जो रिकार्ड सरदार पटेल विश्वविद्यालय को सौंपा जाएगा वह केवल मौजूदा सत्र से सौंपा जाएगा। पुराना रिकॉर्ड यानी जिन विद्यार्थियों ने 2022 से पहले अपनी डिग्री पूरी की है वह रिकॉर्ड एचपीयू के पास ही रहेगा। यदि भविष्य में इन जिलों के पास आउट विद्यार्थियों को किसी रिकॉर्ड की जरूरत पड़ती है तो उन्हें एचपीयू शिमला ही आना पड़ेगा। 
 
 
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में अभी केवल छह कोर्स ही शुरू हुए हैं। इस विश्वविद्यालय में अब एचपीयू की तरह ही अलग-अलग विभाग बनाए जाएंगे। हालांकि अभी पत्राचार से पढ़ाई एचपीयू के इक्डोल से ही होगी। मंडी में पत्राचार के माध्यम से कोर्स चलाने के लिए यूजीसी से अनुमति लेनी पड़ेगी। इसमें चार से छह माह का समय लगता है। 
 
 
उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. सुनील गुप्ता ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों के अधीन कितने कॉलेज आएंगे यह नियम तय है। मंडी विश्वविद्यालय शुरू हो गया है। इसके अधीन जो कालेज हैं उनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को इसी विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी।