असर यंगवार्ता का   राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे सड़क कार्य के मलबे को वन भूमि एवं टोंस नदी में डालने वाली कंपनी पर ठोका जुर्माना 

असर यंगवार्ता का    राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे सड़क कार्य के मलबे को वन भूमि एवं टोंस नदी में डालने वाली कंपनी पर ठोका जुर्माना 

रमेश पहाड़िया - शिलाई 27-05-2021

आख़िरकार यंगवार्ता मीडिया द्वारा समाचार प्रकाशित करने के बाद सरकारी अमला हरकत में आया और वन भूमि और नदी में मलबा डालने वही कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। गौर हो कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर श्रीक्यारी से गुम्मा के बीच चल रहे सड़क कार्य के मलबे को वन भूमि एवं टोंस नदी में डाला जा रहा था।

यंगवार्ता मीडिया ने 26 मई के इवनिंग बुलेटिन में " नियमों को ताक पर रख कर एनएच का निर्माण कर रही कंपनियां , नदी में डाला जा रहा मलबा" नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया , जिसके बाद वन विभाग ने आज मलबा फैकने वाली कम्पनी पर बड़ी कार्रवाई अम्ल में लाई है। वन विभाग ने हजारों रुपये की डीआर काटकर कार्य कर रही कम्पनी को अल्टीमेटम दिया है।

 जानकारी के मुताबिक मिनस से एक किलोमीटर पहले निजी कम्पनी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को खुला करने का कार्य कर रही है तथा दिनरात सड़क से निकल रहे मलबे को वन परिक्षेत्र के माध्यम से टोंस नदी में डाल रही थी कम्पनी ने बीते दिनों में हजारों ट्रक मलबा डम्पिंगयार्ड में न डालकर बैतरतीव फेंक दिया है जिससे वन संपदा, पेयजल स्त्रोत, वातावरण, पर्यावरण सहित घास पत्तियों का नुकसान हुआ है।

 इससे पहले कम्पनी निजी भूमि में हजारों ट्रक मलबा डालकर आनेवाली बरसात में क्षेत्रवासियों के लिए मुसीबतें खड़ी कर चुकी है लेकिन एनएचएआई बेलगाम कम्पनी पर शिकंजा कसने में नाकाम रही है जिसके बाद एनएचएआई के अधिकारीयों कि कार्यप्रणाली में सवालिया निशान लग रहे है।

 जन जागरण मोर्चा शिलाई के सदस्य जगत सिंह की माने तो एनएचएआई के अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 में कार्य कर रही कंपनियों के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त है इसलिए बेलगाम कंपनियों पर कार्रवाई नही कर रही है।  जन जागरण मंच शिलाई का कहना है कि एनएचएआई अधिकारियों मेल व डाक के माध्यम से केंद्र सरकार, पर्यावरण विभाग, मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया के साथ-साथ पीएम कार्यालय को शिकायत पत्र भेजा जाएगा जिसमे एनएचएआई अधिकारियों पर त्वरित सख्त कार्रवाई की मांग रखी जाएगी। 

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क्या कहते है वन विभाग के अधिकारी 

कार्यवाहक वन परिक्षेत्र अधिकारी रोनहाट कमलेश चौहान ने बताया कि मीडिया के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया जिसके बाद मौका का निरीक्षण किया गया है तथा धत्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपये की डीआर काटी गई है। इसके अतिरिक्त नुकसान का जायजा लिया जा रहा है।

वन परिक्षेत्र अधिकारी शिलाई विद्या सागर बताते है कि एनएचएआई पूर्ण नियमानुसार कार्य नहीं कर रही है उनकी अनदेखी के कारण वन परिक्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। इसलिए कम्पनी को सही कार्य करने की हिदायतें दी गई है यदि फिर से वन परिक्षेत्र में सड़क का मलबा गिरता है तो कम्पनी के साथ एनएचएआई के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा तथा विभागीय कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी।