भूसंरक्षण विभाग में घोटाला : टैंक और कुहल बनी नहीं 14 लाख हजम कर गए , विजिलेंस ने दर्ज कीं दो एफआईआर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-07-2020
प्रदेश में सिंचाई योजनाओं का नेटवर्क मजबूत करने को जारी होने वाला बजट हड़पने का मामला सामने आया है। सिरमौर के नाहन स्थित मालो वाला गांव में दस लाख तो ऊना जिले की बहडाला पंचायत में चार लाख रुपये से सिंचाई चैनल के कार्यों में गोलमाल करने का मामला सामने आया है। अब विजिलेंस ने कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आईजी विजिलेंस आसिफ जलाल ने एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार सिरमौर के नाहन स्थित मालो वाला गांव में साल 2016 में भू संरक्षण विभाग ने सिंचाई के पानी के ढांचे के लिए 10 लाख रुपये जारी किए थे।
इस राशि से कूहल और सिंचाई टैंकों का निर्माण होना था। काम पूरा करने की जिम्मेदारी कृषि विकास संघ को दी गई। संघ ने काम पूरा कर जारी बजट को खर्च कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने विजिलेंस में शिकायत की कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता और फर्जी बिलों को लगाकर पूरी राशि हड़प ली गई है।
विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच शुरू की तो शिकायती पत्र में लगाए गए आरोप सही निकले। आरोप सही मिलने पर ब्यूरो ने सरकार की अनुमति लेकर मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले में कृषक विकास संघ के प्रधान के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
उधर, ऊना जिले के बहडाला में विजिलेंस ने सिंचाई चैनलों के कार्यों में हुए घोटाले को लेकर पंचायत प्रधान सहित वाटर शेड कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बहडाला पंचायत प्रधान सोनिया राणा वाटर शेड कमेटी की प्रधान थीं।
कमेटी के रिकॉर्ड के अनुसार तीन लाख, दो लाख तथा एक लाख के तीन सिंचाई चैनल बनाए गए थे। लेकिन विजिलेंस जांच में मौके पर एक ही चैनल दो लाख वाला पाया गया है।
बताया कि वाटर शेड कमेटी की ओर से चार लाख का घोटाला पाया जा रहा है। मुख्य आरोपी सोनिया राणा एवं बीडीओ ऑफिस के दोनों जेई ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत करवाई है।