यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 08-09-2021
देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार सभी 300 देवी-देवता आएंगे। 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस महोत्सव में भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा भी होगी और नरसिंह देव की जलेब भी निकलेगी। हालांकि, देवलुओं की संख्या कम हो सकती है।
इस बार भी परंपराएं ही निभाई जाएंगी, लेकिन सभी देवी-देवताओं के साथ। बीते साल मात्र सात देवी-देवताओं को ही बुलाया था, जबकि एक दर्जन पहुंचे थे। दशहरे के लिए कुछ शर्तों के साथ सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा। इसमें देव रथों के साथ मुख्य कारकून और बजंतरी ही शामिल होंगे।
उपायुक्त कुल्लू एवं दशहरा उत्सव समिति कुल्लू के उपाध्यक्ष आशुतोष गर्ग ने बताया कि बीते साल की तरह इस बार भी न तो लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और न व्यापारियों के लिए मेला बाजार सजेगा। इस सप्ताह समिति की बैठक में सब फाइनल हो जाएगा।
गत वर्ष दशहरा उत्सव के दौरान कोरोना की पहली लहर चरम पर थी। ऐसे में दशहरा उत्सव कमेटी ने मात्र सात देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया था। इसके बावजूद उत्सव में भगवान रघुनाथ, बिजली महादेव, देवी हिडिंबा सहित एक दर्जन से अधिक देवी-देवता शामिल हुए थे।
कोरोना काल में पिछले साल देवता शृंगा ऋषि, देवता खुडीजल और व्यास ऋषि समेत आनी, बंजार और निरमंड घाटी के सौ से ज्यादा देवता शामिल नहीं हो पाए थे।
इस दौरान उत्सव में देवी-देवताओं को न बुलाने पर दशहरे में आई देवी हिडिंबा के साथ देवता हलाण के धूमल नाग, सोयल की माता कोटली, डमचीण के वीरनाथ और फलाणी नारायण ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
इसके बाद भगवान रघुनाथ के दरबार में छोटी और नग्गर में बड़ी जगती का आयोजन किया गया था। देवी-देवताओं को न बुलाने पर कुल्लू का देव समाज भी दो धड़ों में बंट गया था। कुल्लू दशहरा दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
दशहरे में कई देशों के शोधकर्ता भाग लेते हैं। व्यापार के लिहाज से भी उत्तर भारत का यह सबसे बड़ा मेला है। इसमें देशभर से करीब पांच हजार व्यापारी शामिल होते हैं।