उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना से सभी को सबक लेने की जरूरत : नेगी

उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना से सभी को सबक लेने की जरूरत है। इस तरह की घटनाओं में हाइडल प्रोजेक्ट के साथ-साथ मानवीय गलतियां भी है

उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना से सभी को सबक लेने की जरूरत : नेगी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      20-01-2023

उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना से सभी को सबक लेने की जरूरत है। इस तरह की घटनाओं में हाइडल प्रोजेक्ट के साथ-साथ मानवीय गलतियां भी है। जोशीमठ को लेकर वैज्ञानिकों ने हाइडल प्रोजेक्ट के निर्माण से पहले ही चेताया था, इसके बावजूद भी भवनों का निर्माण और पावर प्रोजेक्ट का निर्माण किया गया।

हिमाचल प्रदेश में भी वैज्ञानिकों द्वारा 1500 से अधिक क्षेत्रों को लैंडस्लाइड जोन घोषित किया है। बावजूद इसके लोग अवैज्ञानिक तरीके से निर्माण करते हैं जिस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

किन्नौर से विधायक और जनजातीय व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि किन्नौर जिले के कई इलाके में भूस्खलन की घटनाएं होती है। जिसके पीछे कई कारण हैं। हाइडल प्रोजेक्ट भी एक बड़ा कारण है क्योंकि प्रोजेक्ट के निर्माण में कई किलो मीटर लंबी सुरंगों का निर्माण होता है। 

जिसमें ब्लास्टिंग की जाती है, जो काफी सस्ती भी है। ब्लास्टिंग के कारण सुरंग के ऊपर वाले हिस्से में कंपन होता है, तथा मकानों और जमीन धसने और दरारें का खतरा रहता है। 

इसलिए प्रोजेक्ट के निर्माण में पर्यावरण प्रेमी आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए। जल विद्युत परियोजना के सुरंग निर्माण के दौरान टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए जो काफी सुरक्षित है।