यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 30-05-2022
प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत स्कूलों में दिए जाने वाले दोपहर के भोजन का अब जायका बदल जायेगा। अब हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन ताजे फल खाने को मिलेंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए नया प्लान तैयार किया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। स्कूलों को इसके लिए बजट जारी किया जाएगा।
शिक्षक सुविधा के अनुसार दुकानों से फल खरीद कर विद्यार्थियों को देंगे। यदि किसी क्षेत्र में फल होते हैं तो शिक्षक बागवानों से इन्हें खरीद सकते हैं। प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के करीब पांच लाख विद्यार्थियों को रोजाना स्कूल में मिड-डे मील यानी दोपहर का भोजन दिया जाता है। बच्चों को तंदुरुस्त रखने के लिए अब मिड-डे मील के मेन्यू में बदलाव कर इसमें ताजे फलों को भी शामिल किया जा रहा है।
प्रस्ताव में हर जिले में होने वाले फलों की सूची तैयार की गई है, जिसे योजना में जोड़ा गया है। शिक्षा विभाग के तहत आयोजित बैठक में कई बार विचार-विमर्श किया गया था कि बच्चों को खाने के साथ ऐसे पौष्टिक तत्वों को भी दिया जाए, जिससे उनके स्वास्थ्य को और मजबूती मिल सके। प्रस्ताव के अनुसार सप्ताह में एक बार फल दिए जाएंगे। बच्चों को फल देने को लेकर बनाए गए प्रस्ताव में 12 करोड़ का बजट शामिल किया गया है।
अभी स्कूलों में प्रति विद्यार्थी 100 ग्राम चावल, 30 ग्राम दाल, 60 ग्राम सब्जी, पांच ग्राम तेल, पांच ग्राम सोया बड़ी, चीनी 40 ग्राम, छह ग्राम सूखा मेवा, 10 ग्राम प्याज, दो ग्राम मसाले के लिए बजट आता है। इन सभी के रेट 14 अप्रैल, 2020 को संशोधित किए गए थे। इसके अनुसार मिड-डे मील के लिए केंद्र सरकार के दो रुपये 98 पैसे प्रति विद्यार्थी व प्रदेश सरकार के एक रुपये 99 पैसे मिलाकर कुल चार रुपये 97 पैसे प्रति विद्यार्थी डाइट मनी के लिए बजट जारी किया जाता है।