एसएफआई ने संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर राज्यपाल भवन के बाहर किया धरना प्रदर्शन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-06-2021
एसएफआई ने संयुक्त किसान मोर्चा तथा हिमाचल किसान सभा के आवाहन पर पूरे भारतवर्ष में तीन कृषि कानूनों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के समर्थन में राज्यपाल भवन पर धरना प्रदर्शन किया।
एसएफआई राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने बताया कि जिस प्रकार आज के ही दिन 1975 इस देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा इमरजेंसी लागू की गई थी ठीक उसी तरह आज के समय में इस देश के अंदर आपातकाल लागू है बस फर्क इतना है कि वह आपातकाल घोषित था और यह अघोषित है।
लगभग 7 महीनों से पूरे भारतवर्ष का किसान धरने प्रदर्शन कर रहा है की जो तीन कृषि कानून भारत सरकार के द्वारा लागू किए गए हैं वह किसानों के हितेषी ना होकर पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
प्रदेश के अंदर उत्पन्न की जाने वाली जितने भी नकदी फसलें हैं उस पर भी कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार के द्वारा नहीं दे रहा था मक्की के समर्थन मूल्य के अंदर महज ₹20 का इजाफा करके सरकार अपनी वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रही है और आम जनता को आंकड़ों के माध्यम से ही गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
वही हाल आलू ,अदरक, फूल पैदा करने वाले किसानों के साथ हुआ है जो अपने बीज का खर्च भी वहन नहीं कर पाए हैं। वही दूध के समर्थन मूल्य का भी यही हाल है। जो कहीं न कहीं हिमाचल प्रदेश का किसान है उसके आमदनी पर एक बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है।
इसके साथ साथएसएफआई राज्य अध्यक्ष ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अंदर महंगाई अपने चरम पर है डीजल पेट्रोल से लेकर रसोई के तेल के अंदर बेतहाशा वृद्धि हुई है और जो सीधे तौर पर हिमाचल वासियों को कोरोना काल के दौर में शोषण को बढ़ावा दे रहे हैं।
एसएफआई यह मांग करती है हिमाचल सरकार हिमाचल प्रदेश के अंदर ओलावृष्टि तथा बारिश से हुए नुकसान की भरपाई करें तथा बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए।
अन्यथा आने वाले समय के अंदर तमाम छात्र नौजवानों किसानों की जनवादी एकता को मजबूत करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश भर के अंदर व्यापक आंदोलन करेगी।