ऑनलाइन पढ़ाई से दूर 14 % छात्रों की पढ़ाई को कैसे करें पूरा,केंद्र ने हिमाचल से मांगा जवाब 

ऑनलाइन पढ़ाई से दूर 14 % छात्रों की पढ़ाई को कैसे करें पूरा,केंद्र ने हिमाचल से मांगा जवाब 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   21-08-2020

केंद्र सरकार ने हिमाचल से जवाब मांगा है कि राज्य के 14 प्रतिशत छात्रों की पढ़ाई को कैसे पूरा करोगे। दरअसल राज्य के प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 10 प्रतिशत छात्र और उच्च शिक्षा विभाग के चार प्रतिशत ऐसे छात्र हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। 

इंटरनेट सुविधा से भी अछूते हैं और इस वजह से चार से पांच माह से सही ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 14 प्रतिशत ये छात्र जो ऑनलाइन स्टडी से अछूते हैं, वे लाहुल, पांगी, किन्नौर, भरमौर के रहने वाले हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है, वहीं इस बाबत जल्द जवाब देने को कहा है।

जानकारी मिली है कि शिक्षा प्रधान सचिव केंद्र सरकार को इस बाबत जवाब भी भेज रहे हैं। इसमें यह कहा जा रहा है कि जो छात्र ऑनलाइन स्टडी से दूर हैं, उनके घर तक नोट्स व टेक्स बुक पहुंचाई जा रही है। 

इसके लिए जनजातीय क्षेत्रों के शिक्षक छात्रों के घर जाकर खुद उनकी सहायता कर रहे हैं। फिलहाल शिक्षा प्रधान सचिव ने केंद्र सरकार को भेजा जाने वाला जवाब तैयार कर दिया है। 

केंद्र सरकार से लेकर सरकार के कोई भी अधिकारी वेबसाइट से चैक कर सकते हैं कि कितने छात्रों तक ऑनलाइन स्टडी पहुंच रही है। वहीं रोजाना कितने छात्र ऑनलाइन कक्षाएं लगा रहे हैं, यह सब कुछ ऑनलाइन देखा जा सकता है।

 हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में आज भी लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। वहीं इंटरनेटर, बिजली तक की सुविधाएं नहीं हैं। कोरोना काल में छात्रों का ऑनलाइन स्टडी करना बड़ा मुश्किल हो रहा है। 

बता दें कि मार्च से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन स्टडी को लेकर नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। हर घर पाठशाला से लेकर टीवी चैनल पर भी छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। 

इसके अलावा व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं। इन सभी माध्यमों से सरकारी स्कूलों के छात्रों को पढ़ाने का दावा किया जा रहा है। शिक्षा विभाग का दावा तो यह भी है कि 86 प्रतिशत छात्र तो ऑनलाइन स्टडी का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।

ऑनलाइन स्टडी के साथ ही केंद्र सरकार ने आदेश दिए हैं कि ऑनलाइन छात्रों के टेस्ट पर भी फोकस किया जाए, ताकि पांच से छह माह में छात्रों ने कितनी पढ़ाई की, इस बारे में भी पता लग सके। कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के छात्रों के विशेष रूप से परीक्षाएं करवाने को कहा गया है।