ऑल इंडिया सेंट्रल पीडब्ल्यूडी का सीपीडब्ल्यूडी कार्यालयों के बाहर जोरदार प्रदर्शन 

ऑल इंडिया सेंट्रल पीडब्ल्यूडी (एमआरएम) कर्मचारी संगठन की शिमला शाखा व सीटू जिला शिमला कमेटी ने संयुक्त रूप से सीपीडब्ल्यूडी के संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी व कार्यपालक अभियन्ता (बागवानी) सीपीडब्ल्यूडी के कार्यालयों के बाहर लोंगवुड शिमला में जोरदार प्रदर्शन

ऑल इंडिया सेंट्रल पीडब्ल्यूडी का सीपीडब्ल्यूडी कार्यालयों के बाहर जोरदार प्रदर्शन 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      22-09-2022

ऑल इंडिया सेंट्रल पीडब्ल्यूडी (एमआरएम) कर्मचारी संगठन की शिमला शाखा व सीटू जिला शिमला कमेटी ने संयुक्त रूप से सीपीडब्ल्यूडी के संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी व कार्यपालक अभियन्ता (बागवानी) सीपीडब्ल्यूडी के कार्यालयों के बाहर लोंगवुड शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया। 

प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमंडल कार्यपालक अभियंता बागवानी से मिला व उन्हें बारह सूत्रीय मांग - पत्र सौंपा। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,बालक राम,हिमी देवी,रामप्रकाश,किशोर ठाकुर,अभी राम,सतपाल बिरसांटा,पंकज शर्मा,भूप सिंह,अमित कुमार,रोशन वर्मा,जय सिंह,प्रेम चंद,खेम चंद,अरुण भारद्वाज,कमल कुमार,जिया लाल,कर्म चंद,राजकुमार,राजेन्द्र,अशोक,सुरेंद्र, दिनेश शर्मा व अमर चंद आदि मौजूद रहे। 

प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,जिला कोषाध्यक्ष बालक राम व यूनियन ब्रांच सचिव किशोर ठाकुर ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी में पिछले कई वर्षों से संविदा अथवा ठेके पर लगभग 150 कर्मचारी कार्यरत हैं। इस विभाग में देश के श्रम कानून तक लागू नहीं हो रहे हैं व संविदा कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा है। 

इन कर्मचारियों को कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है। ये कर्मचारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इन कर्मचारियों की कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है व उन्हें मनमर्जी से कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाता है। विभाग की संवेदनहीनता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रसूति के दौरान छुट्टी पर रही एक महिला को भी नौकरी से बाहर कर दिया गया है। 

कर्मचारियों को पैसे काटने के बावजूद मेडिकल सुविधा नहीं दी जा रही है। अतः ईएसआई योजना तुरन्त लागू की जाए। पिछले दो वर्षों से कर्मचारियों से काटी गई ईपीएफ राशि को तुरन्त उनके खाते में जमा किया जाए व ईपीएफ में गड़बड़ी करने वाले दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। कर्मचारियों को अर्जित,आकस्मिक,राष्ट्रीय,त्योहार व मेडिकल सभी प्रकार की छुट्टियां दी जाएं। 

महिला कर्मियों के लिए प्रसूति अवकाश की सुविधा लागू की जाए। कर्मचारियों का वेतन हर महीने 7 तारीख से पहले सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों के घरों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की तर्ज़ पर विभाग के सभी संविदा कर्मियों को आवासीय सुविधा दी जाए तथा उनके बिजली व पानी के बिल का भुगतान विभाग द्वारा किया जाए। 

संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार श्रेणीवार न्यूनतम वेतन दिया जाए। सभी प्रकार के श्रम कानूनों को लागू किया जाए। कर्मचारियों को साल में दो वर्दी सेट,जूते व एक छाता दिए जाएं। कर्मचारियों से विभाग के कार्य के अलावा ठेकेदारों द्वारा करवाए जा रहे अन्य प्रकार के कार्यों पर रोक लगाई जाए। 

कर्मचारियों से अतिरिक्तकिसी भी प्रकार का कार्य न लिया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर 4 अक्तूबर को श्रम विभाग में समझौता वार्ता में यूनियन की मांगों को पूर्ण न किया गया तो सीटू के नेतृत्व में यूनियन आंदोलन तेज करेगी।