कांग्रेस को झटका : भाजपा में शामिल हुए पुरोला से कांग्रेस के विधायक राजकुमार 

उत्तराखंड के कांग्रेस को एक ओर झटका लगा है। रविवार को दिल्ली में पार्टी के एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं।

कांग्रेस को झटका : भाजपा में शामिल हुए पुरोला से कांग्रेस के विधायक राजकुमार 

यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  12-09-2021

उत्तराखंड के कांग्रेस को एक ओर झटका लगा है। रविवार को दिल्ली में पार्टी के एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार आज दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए हैं।
 
इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी व उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी मौजूद रहे।बता दें कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा धनौल्टी विधानसभा के विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पहले ही पार्टी में शामिल करा चुकी है।
 
अब एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे पहले शनिवार को राजकुमार भाजपा में शामिल होने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणवश उनकी ज्वाइनिंग टल गई थी।
 
सूत्रों के मुताबिक, विधायक ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के सामने देहरादून की एक सीट से टिकट देने की शर्त रखी थी। जिस कारण ऐसा हुआ था। पुरोला विधायक राजकुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की ही रही है। उनके पिता पतिदास ने 1985 उत्तरकाशी से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे।
 
राजकुमार ने देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है, लेकिन वह छात्र राजनीति में कभी भी सक्रिय नहीं रहे। उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद वह भाजपा से जुड़े। 2007 में सहसपुर (आरक्षित) सीट से भाजपा ने राजकुमार को टिकट दिया। वह चुनाव जीत गए।
 
इसके बाद 2012 सहसपुर सीट के सामान्य होने के बाद उन्होंने 2012 में पुरोला सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह हार गए। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मालचंद जीते थे और राजकुमार दूसरे नंबर पर रहे थे।
 
2017 में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की थी। उन्हें पुरोला से टिकट मिला था। इन चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी। राजकुमार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजदीकी भी माने जाते हैं।
 
सूत्रों के मुताबिक जब से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनावों की कमान सौंपी गई, तब से ही वह असहज महसूस कर रहे हैं और आगामी चुनावों में टिकट न मिलने की आशंका के चलते ही भाजपा में शामिल हो रहे हैं।