कांग्रेस कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के फीते काट रहे ऊर्जा मंत्री, पांवटा में विकास कार्य ठप : जगदीश चौधरी
पांवटा निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों से विकास कार्यों को मानो ग्रहण लग गया है। अब हिमाचल प्रदेश और पांवटा साहिब की जनता बदलाव के मूड में है। यह बात जनसंपर्क अभियान के दौरान कांग्रेस ओबीसी सेल के प्रदेश सचिव जगदीश चौधरी ने कही
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 25-09-2022
पांवटा निर्वाचन क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों से विकास कार्यों को मानो ग्रहण लग गया है। अब हिमाचल प्रदेश और पांवटा साहिब की जनता बदलाव के मूड में है। यह बात जनसंपर्क अभियान के दौरान कांग्रेस ओबीसी सेल के प्रदेश सचिव जगदीश चौधरी ने कही। जगदीश चौधरी ने कहा के के विधायक एवं ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी भ्रष्टाचार में संलिप्त है।
जिसका खुलासा हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने भी किया था। जगदीश चौधरी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को भ्रष्टाचार के आरोप लगने के चलते नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जनसंपर्क अभियान के दौरान कांग्रेस के प्रदेश सचिव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं के साथ छल किया है आज आलम यह है कि प्रदेश का युवा बेरोजगार घूम रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के नाम पर सत्ता में आई थी , लेकिन सत्ता में आने के साढ़े 4 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में युवाओं को रोजगार तो नहीं मिला लेकिन बेरोजगारी की फेहरिस्त लंबी हो गई है। जगदीश चौधरी ने बताया कि यदि पांवटा निर्वाचन क्षेत्र की बात करें तो पांवटा साहिब में विकास को मानो ग्रहण लग गया है।
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी द्वारा केवल मात्र कांग्रेस कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के फीते काटे जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हिमाचल प्रदेश ऊर्जा राज्य कहलाता है दूसरी ओर यदि पांवटा साहिब की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में पावटा एकमात्र ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां सबसे अधिक बिजली के कट लगते हैं।
इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पांवटा साहिब से कांग्रेस के प्रत्याशी भारी मतों से विजयी होगा और प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस एक बार फिर सत्तारूढ़ होगी। जगदीश चौधरी ने बताया कि सुखराम चौधरी ने साढ़े 4 वर्षों में पावटा साहिब में केवल मात्र ट्यूबेल तो लगाए हैं।
वह भी अपने चहेतों के घरों में इसके अलावा में कोई भी विकास नजर नहीं आ रहा है। जिस प्रकार सुखराम चौधरी पर 400 करोड़ रुपए के बिजली घोटाले के आरोप लगे हैं इसके चलते उन्हें नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।