किन्नौर जिला के ठंगी गाँव मे माघ मेले की शुरुआत
ग्रामीण बर्फ से देवता व -मंदिर करदारो का करते है स्वागत,माघ मेला आस्था और विश्वास के इस मेले में ग्रामीण पूरी धरती के लिए अच्छे की कामना
यंगवार्ता न्यूज़ - किन्नौर 11-02-2022
ग्रामीण बर्फ से देवता व -मंदिर करदारो का करते है स्वागत,माघ मेला आस्था और विश्वास के इस मेले में ग्रामीण पूरी धरती के लिए अच्छे की कामना करते हैं।
जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खंड के तहत ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला चल रहा है. बारिश हो या फिर बर्फबारी ये मेला पूरे आठ दिन चलता है।
आस्था और विश्वास के इस मेले में ग्रामीण पूरी धरती के लिए अच्छे की कामना करते हैं। इस मेले की आज से शुरुआत हुई है ऐसे मे स्थानीय देवता रापुक शंकर को मंदिर प्रांगण मे लाने से पूर्वक उनका व उनके साथ कारदारो का ग्रामीण बर्फ के अठखेलियों से स्वागत करते है इन दिनों जिला मे तापमान माईनस 12 से 15 डिग्री नीचे गिरा है ऐसे मे ग्रामीण अपनी परम्पराओ को जिन्दा रखने के लिए ठंड भी भूल जाते है।
जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खंड के तहत ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला चल रहा है. बारिश हो या फिर बर्फबारी ये मेला पूरे आठ दिन चलता है. आस्था और विश्वास के इस मेले में ग्रामीण पूरी धरती के लिए अच्छे की कामना करते हैं।
बता दें कि मेले की शुरुआत से लेकर आठवें दिन के अंत तक अलग-अलग तौर तरीकों व पारम्परिक रूप से मेले को मनाया जाता है. इसमें ठंगी के स्थानीय देवता रापुक शंकर की पालकी उनके मंदिर से ठंगी स्कूल के प्रांगण में स्थानीय लोग लेकर जाते हैं।
इसके बाद गांव की महिलाएं व पुरुष पूरी पारम्परिक वेशभूषा व आभूषण पहनकर देवता रापुक शंकर के समक्ष हर दिन जमा होकर अलग-अलग तरीके से उत्सव मनाते है।
मेले में स्थानीय लोग व बौद्ध भिक्षु मिलकर पूजा पाठ व सुख समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही माघ मेले में देवता रापुक शंकर के समक्ष हर एक फसल और पेड़ पौधों की पूजा करते हैं। इस परम्परा को स्थानीय बोली में रूम पजाम कहते हैं। रूम पजाम से आने वाले समय में सभी फसलें अच्छी होती हैं और धरती पर हरियाली रहती है।