कभी भी टूट सकता हैं हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाला पुल 

खस्ता हालत को देख शुक्रवार को कई संस्थाओं ने किया प्रदर्शन ,  सरकार को दिया 30 दिन का अल्टिमेटम

कभी भी टूट सकता हैं हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाला पुल 
खस्ता हालत को देख शुक्रवार को कई संस्थाओं ने किया प्रदर्शन ,  सरकार को दिया 30 दिन का अल्टिमेटम

अंकिता नेगी - पांवटा साहिब   05-11-2021

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाले एकमात्र पुल की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए पांवटा साहिब के गोविंदगढ़ पुल पर कई संस्थाओं द्वारा दर्शाया गया रोष प्रदर्शन।
यमुना पुल की खस्ता हालत और इसके संभावित खतरों को लेकर आईआईटी रुड़की सहित अन्य एजेंसियों की रिपोर्ट्स के दस्तावेज जुटाए जाने पर पता चला है की सन 2018 में इस पुल की रिपेयर का काम शुरू होना चाहिए था।
सीमाओं को जोड़ने वाला यह पुल ओवरलोडिंग की वजह से पुल कभी भी टूट सकता है जिससे लोगों की जान को खतरा पैदा हो सकता है और शहर कभी भी एक टापू में बदल सकता है।
बात यदि व्यापार की की जाए तो इसकी वजह से दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों का आना जाना बंद होने की वजह से पांवटा व्यापार पर बहुत असर पड़ेगा।
मीडिया से रूबरू होते हुए व्यापार मंडल पांवटा के अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा की हिमाचल और उत्तराखंड की सरकार क्या सोच अपनी बर्बादी का तमाशा बनने का इंतजार कर रही है।
बावजूद यह पता होते हुए की यदि यह पुल टूट जाता है तो इसके निर्माण में 7 से 8 साल लग सकते हैं। दोनो राज्यों को जोड़ने वाला यह पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। सुबह 4 बजे से नदी के किनारे अवैध खनन होना शुरू हो जाता है क्या हमारा प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
 उन्होंने यह भी कहा की यदि इस विषय पर 30 दिन के भीतर कोई करवाई अमल में न लाई गई तो अनिश्चित काल अनशन किया जाएगा। अनेंदर सिंह नॉटी के साथ एमएस केंथ (सिरमौर उपभोक्ता संगठन) , एनडी सरीन (पेंशनर्स एसोसिएशन) , टीसी गुप्ता (आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम) , रविंद्र खुराना (पार्षद) , जगदीश चौधरी , एकांत गर्ग , मनिंदर मनी (क्लीन पांवटा ग्रीन पांवटा ) , रणजीत फौजी (पूर्व सैनिक) , दिनेश शर्मा , श्यामलाल शर्मा (आंजभोज ) , चरणजीत जैलदार , गुरजीत नंबरदार,  महबूब अली , इंद्रजीत, अज्जू , संदीप बत्रा , मोहन सैनी , विजय कुमार गोयल , सतवीर सैनी और गुरनाम गामा आदि प्रदर्शनकारी शामिल रहे।